नई दिल्ली: 11,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में घिरी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि में भगदड़ मच गई है. गीतांजलि जेम्स के सीएफओ और बोर्ड मेंबर समेत चार अफसरों ने इस्तीफा दे दिया है. इसमें गींताजली जेम्स के सीएफओ चंद्रकांत करकरे, कंपनी सेक्रेटरी एंड चीफ कम्पलांयश ऑफिसर पंखुरी और बोर्ड सदस्य कृष्णन संगमेस्वरन ने इस्तीफा दे दिया है. पीएनबी से नीरव मोदी ने 2000 करोड़ और मेहुल चोकसी ने 9000 करोड़ रुपये लिए थे. ये दोनों विदेशों से कच्चा हीरा आयात करते थे.


बता दें कि इस मामले में ईडी ने अबतक करोड़ों रुपये की कीमत के हीरे, स्वर्ण आभूषण और अन्य बेशकीमती रत्न जब्त किए हैं जबकि एजेंसी ने इस हफ्ते गीतांजलि जेम्स के प्रोमोटर और नीरव मोदी के रिश्तेदार मेहुल चोकसी को सम्मन भी दिया. सूत्रों ने बताया कि ईडी जांच को आगे ले जाने के लिए मोदी, चोकसी और उनके कारोबार से जुड़े निजी और आधिकारिक सभी प्रकार के वित्तीय दस्तावेजों को जुटाने का प्रयास कर रही है.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ ईडी की तरफ से 15 फरवरी को छापेमारी शुरू किए जाने के बाद से अबतक कई कंप्यूटर उपकरण, हार्ड ड्राइव और दस्तावेजों को जब्त किया जा चुका है.’’  मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी मोदी, चोकसी और घोटाले से जुड़े दूसरे लोगों की कम से कम दो दर्जन अचल संपत्ति कुर्क करने वाली है. ईडी और आयकर विभाग ने भारत और विदेश में करीब 200 मुखौटा कंपनियों को जांच के दायरे में ले लिया है जिनका प्रयोग कथित धोखाधड़ी के तहत धन प्राप्त करने या भेजने के लिए किया जाता था.


इस बात का संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल आरोपी धन शोधन करने और जमीन, सोना और बेशकीमती रत्नों के रूप में ‘बेनामी’ संपत्ति खरीदने में कर रहे थे. आयकर विभाग अब इसकी जांच कर रहा है.