देश में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, ग्लोबल करप्शन इन्डेक्स में भारत अब 80वें पायदान पर है जबकि 2018 में 78वें नंबर पर था. 180 देशों की इस लिस्ट में डेनमार्क पहले नंबर पर है यानि वहां भ्रष्टाचार सबसे कम है. दावोस में इस लिस्ट को जारी किया गया. इस लिस्ट में पाकिस्तान 120वें नंबर पर है जबकि बांग्लादेश 146वें नंबर पर है. फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्समबर्ग इस लिस्ट में टॉप 10 में शामिल रहे.


2017 में भारत 81वें स्थान पर था जबकि 2016 में 79वें स्थान पर था. खास बात ये है कि भारत के साथ साथ चीन, घाना, बेनिन और मोरक्को का स्कोर भी भारत की तरह 41 ही है. इस इन्डेक्स में 0 से 100 के पैमाने का इस्तेमाल किया जाता है. 100 नंबर का अर्थ भ्रष्टाचार मुक्त होता है वहीं 0 का अर्थ अत्याधिक भ्रष्टाचार है. डेनमार्क और न्यूज़ीलैंड का स्कोर 87 रहा जबकि भारत का स्कोर 41 रहा.


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जो देश एक से 10 नंबर पर हैं, सभी का स्कोर 80 से ऊपर रहा है. पाकिस्तान का स्कोर 32 रहा और रैंक 120वीं रही वहीं सोमालिया इस लिस्ट में सबसे नीचे 180वें नंबर पर रहा. भारत के पड़ोसी देशों में भूटान 25वें नंबर पर रहा जबकि श्रीलंका 93वें, नेपाल 113वें और बांग्लादेश 146वें नंबर पर रहा.


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इस लिस्ट से साफ है कि भारत में भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा है.  अफ्रीकी देशों में भ्रष्टाचार अधिक है वहीं वेस्टर्न यूरोपियन देशों और यूरोपियन यूनियन देशों में भ्रष्टाचार कम है. सोमालिया, सूडान, सीरिया जैसे देश इस लिस्ट में सबसे नीचे हैं और वहां भ्रष्टाचार चरम पर है. रिपोर्ट के मुताबिक 22 देशों की रैंक में सुधार आया है वहीं 21 देशों की रैंक में कमी आई है.


उत्तरी अमेरिका के देशों की स्थिति दक्षिणी अमेरिका के देशों की स्थिति से बेहतर है. दुनिया का कोई भी देश ऐसे तो भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है लेकिन फिर भी सार्थक प्रयास किए जाने की जरूरत है.