Global COVID-19 Summit: ब्रिटेन के नए यात्रा नियमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि टीका प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के जरिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाया जाना चाहिए. पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से आयोजित ग्लोबल कोविड-19 शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.


बता दें कि कोविशील्ड को मान्यता देने से ब्रिटेन के इनकार पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटिश सरकार ने कोविशील्ड को अपने ट्रेवल एडवाइजरी में शामिल किया है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि भले ही कोविशील्ड को यात्रा संबंधी ब्रिटिश दिशानिर्देशों में मंजूरी दे दी गयी है लेकिन उसकी दो खुराक ले चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन में अब भी दस दिनों के लिए पृथक-वास में रहना होगा.


ब्रिटेन के अधिकारियों का कहना है कि मुख्य मुद्दा टीका प्रमाणन का है न कि कोविशील्ड टीके का. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे का परस्पर हल ढूंढने के लिए बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत ने कोविड-19 टीका प्रमाणन पर उसकी चिंताओं का ब्रिटेन द्वारा समाधान नहीं किये जाने की स्थिति में मंगलवार को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने इन नियमों को ‘भेदभावकारी’ बताया था.


पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड सम्मेलन में कहा कि भारत ने 95 अन्य देशों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के साथ अपना टीका साझा किया है. भारत में 20 करोड़ से अधिक भारतीयों का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है. जैसे ही भारत में कोविड-19 टीके का उत्पादन बढ़ेगा, हम अन्य देशों को भी इसकी आपूर्ति बहाल करने में सक्षम होंगे.


पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को टीका मुहैया कराने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखा जाना चाहिए. पीएम मोदी चार दिवसीय दौरे पर बुधवार को अमेरिका रवाना हुए हैं.


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