Global Gender Gap Report 2021 : वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की ओर से जारी वैश्विक लैंगिक भेद अनुपात रिपोर्ट 2021 में भारत पिछड़ गया तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और संघ परिवार पर बड़ा हमला बोला है. राहुल गांधी ने इस खबर को ट्वीट करते हुए कहा, ''संघ की मानसिकता के अनुसार केंद्र सरकार महिलाओं को अशक्त करने में लगी है. ये भारत के लिए बहुत ख़तरनाक है.''


वैश्विक लैंगिक भेद अनुपात रिपोर्ट 2021 में 156 देशों की सूची में भारत 28 पायदान फिसलकर 140वें स्थान पर पहुंच गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला तीसरा देश बन गया है. पिछले साल यानी 2020 में 153 देशों की सूची में भारत 112वें नंबर पर था.



Global Gender Gap Report 2021 कहती है, लैंगिक भेद के साथ ही आर्थिक भागीदारी और अवसर के मामले में भी भारत पिछड़ा है. इस क्षेत्र में भी लैंगिक भेद अनुपात 3% बढ़कर 32.6% हो गया है. राजनीतिक सशक्तिकरण सबइंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, जिसमें महिला मंत्रियों की संख्या में कमी आई है. महिला मंत्रियों की संख्या जो साल 2019 में 23.1% थी, वह अब केवल 9.1% रह गई है. साथ ही महिला श्रम भागीदारी दर भी 24.8% से गिरकर 22.3% रह गई है.


Global Gender Gap Report 2021 के अनुसार प्रोफेशनल और टेक्निकल फील्ड में भी महिलाओं की भूमिका घटी है और यह 29.2% रह गई है. इस क्षेत्र में सीनियर और मैनेजमेंट लेवल से जुड़ी पोजिशन में भी महिलाओं की भागीदारी मात्र 14.6 % है और टॉप मैनेजर लेवल पर यह प्रतिशत केवल 8.9 है.


स्वास्थ्य और अस्तित्व की बात करें तो इस मामले में भी महिलाओं के साथ भेदभाव हो रहा है और भारत इस मामले में नीचे के पांच देशों में शामिल है. लिंग आधारित पारम्परिक सोच के कारण, जन्म के समय लिंगानुपात में भी बड़ा अंतर है. दूसरी ओर चार में से एक महिला को अन्तरंग हिंसा झेलनी पड़ी है.


अब बारी आती है लैंगिक साक्षरता की तो इस मामले में 17.6% पुरुषों की तुलना में 1/3 महिलाएं (34.2%) निरक्षर हैं. भारत के पडोसी देशों की बात करें तो बांग्लादेश इस रिपोर्ट में 65वें नंबर पर, नेपाल 106, पाकिस्तान 153, अफगानिस्तान 156, भूटान 130 और श्रीलंका 116 वें स्थान पर है.