Heart Transplant: विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) के मौके पर आज एक अनोखी कहानी सामने आई है, जो हम सब के लिए एक मिसाल है. मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में 41 साल की ब्रेन डेड महिला ने अपना दिल 31 साल के मरीज को दान किया. वहीं मुंबई में Advanced Immunodiagnostics तकनीक से ये हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ है.


मुंबई के महिम में रहने वाले फरीद महज 31 साल के हैं और टेलर का काम करते हैं. फरीद का दिल सिर्फ 20 फीसदी ही काम करता था, जिस वजह से मुंबई के डॉक्टर्स ने उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी. इस सलाह के कुछ ही दिनों बाद फरीद को हार्ट डोनर मिल गया. यह डोनर एक 41 साल की हिंदू महिला थी, जो ब्रेन डेड हो चुकी थी.


फरीद के जीवन में यह महिला किसी चमत्कार से कम नहीं थी. फरीद ने कहा कि वह डोनर और उनकी पूरी फैमिली के शुक्रगुजार है. वहीं उनका यह भी मानना है कि हिंदू और मुसलमानों को एक दूसरे की इसी तरह से मदद करनी चाहिए क्योंकि इंसान ही इंसान के काम आता है. फरीद और उनके परिवार वालों ने ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टर्स और टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि अस्पताल ने बहुत ही कम खर्चे में उनका इतना बड़ा ऑपरेशन किया है.


नेफ्रोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में काम करने वाली ग्लोबल हॉस्पिटल की डॉक्टर श्रुति तापीआवाला का कहना है कि हम डॉक्टर्स के लिए धर्म और व्यक्ति मायने नहीं रखता क्योंकि इंसान ही इंसान के काम आता है. वहीं मुंबई में हमने पहली बार Advanced Immunodiagnostics के क्षेत्र में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ. इस प्रयोग में हमें पहले ही पता चल जाता है कि मरीज के हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद किस प्रकार उनका शरीर काम करेगा. यह प्रयोग पहली बार मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में किया गया है.


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