Global Hunger Report-2024 Index Latest News: ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2024 को लेकर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सरकार ने इसे गलत करार दिया है. सरकार ने बुधवार (27 नवंबर 2024) को लोकसभा में कहा कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2024 में भूख को मापने का आधार गलत है और यह भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है.


सरकार ने बुधवार को लोकसभा में जोर देकर कहा कि वह कुपोषण के मुद्दे को हल करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है. बता दें कि कंसर्न वर्ल्डवाइड, वेल्ट हंगर हिल्फ और इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल लॉ ऑफ पीस एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट की ओर से जारी किए गए अध्ययन में भारत को 127 देशों में से 105वां स्थान दिया गया है.


केंद्रीय मंत्री ने इस वजह से जताई आपत्ति 


जूनियर कंज्यूमर अफेयर्स फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्टर निमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने कहा, "ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भूख के आकलन के तरीकों में कई खामियां हैं और यह भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है. चार घटक संकेतकों में से तीन (स्टंटिंग, वेस्टिंग और बाल मृत्यु दर) बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं. इन्हें इन्हें आबादी में भूख को दर्शाने के लिए नहीं लिया जा सकता है."


'कुपोषण की व्यापकता में तेजी से हुआ है सुधार'


उन्होंने कहा, "2023 की तुलना में 2024 में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जो मुख्य रूप से सूचकांक के चौथे घटक संकेतक, यानी कुपोषण की व्यापकता (पीओयू) में सुधार के कारण हो सका है." पिछले साल की ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 125 देशों में से 111 थी. मंत्री ने आगे कहा, "आंगनवाड़ी सेवाओं और पोषण अभियान के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत प्रयासों को पुनर्जीवित किया गया है और 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' के रूप में योजनाओं को तेजी से चलाया जा रहा है ताकि हर किसी को खाना मिल सके. हमारी कोशिश अलग-अलग तरह से बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं के बीच कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना है."


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