नई दिल्लीः वैश्विक तापवृद्धि यानी ग्लोबल वार्मिंग पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण योजना की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साल अबतक के 3 सबसे गर्म वर्षों में एक रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया एक बड़ी जलवायु तबाही की ओर बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में जिस तबाही की बात की जा रही है, उसके सबूत भी 2020 में हमें मिलते रहे हैं. साल 2020 मे घटी कुछ घटनाओं से इन्हें समझा जा सकता है.


आइसबर्ग A68a
सबसे ताजा सबूत है A68a नाम का 4200 वर्ग किमी लंबा दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग. यह 2017 में अंटार्टिका से अलग हुआ. इस आइसबर्ग की वजह से समुद्री सील और पैंग्विन की जान खतरे में हैं. दक्षिणी जॉर्जिया तट से टकरा सकता है और बड़ी तबाही मच सकती है.


साइबेरिया के जंगलों में आग
दुनिया के सबसे ठंडे इलाके साइबेरिया के जंगलों में आग लगने की घटना ने दुनिया भर को हैरान किया.जहां पारा माइनस में जाता है, वहां इतनी आग दूसरा सबूत है तबाही के करीब जाती दुनिया का. वहीं कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग ने भी बढ़ते तापमान को और तेजी दी है.


चीन और ब्रिटेन में बाढ़
ब्रिटेन और चीन में भयंकर बर्बादी लाने वाली बाढ़ कुदरत के साथ इंसानों के खिलवाड़ और विनाश की ओर बढ़ते संसार का तीसरा सबूत है.


संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जिस तरह से कार्बन उत्सर्जन की वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है उसकी वजह से आने वाले समय में तापमान 3 डिग्री तक बढ़ जाएगा. औद्योगिक प्रदूषण, गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ और विकास की होड़ में प्रकृति के नियमों की अनदेखी के अलावा भी और कई कारण हैं जिससे पारा बढ़ रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं. समय पर विश्व के देशों ने मिलकर इस बढ़ते तापमान को काबू में करने की कोशिश नहीं करती तो दुनिया में तबाही मच सकती है.


अपनाने होंगे ये उपाय
दुनिया को जलवायु तबाही से बचाने के लिए कई उपाय अपनाने होंगे. इनमें कार्बन उत्सर्जन कम करना और सभी देशों को एकजुट होकर लड़ना होगा. इसके साथ ही टिकाऊ विकास की रणनीति अपनानी होगी.


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