गोवा के वी.एम. सालगांवकर लॉ कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर शिल्पा सिंह से नाराज है. संगठन ने कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखकर शिल्पा एसपी सिंह को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है. एबीवीपी ने पत्र में आगाह किया है कि अगर 24 घंटे के अंदर कॉलेज प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया तो संगठन कॉलेज प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन करेगी.


19 अक्टूबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कोंकण राज्य की सह-सचिव प्रभा नाईक ने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शिल्पा सिंह के खिलाफ व्ही.एम. सालगांवकर कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखकर शिकायत की है. एबीवीपी ने प्रोफेसर शिल्पा सिंह पर आरोप लगाया है कि वो कॉलेज में सौहार्द को बिगाड़ रही हैं. वो कक्षा में एक खास धर्म, संप्रदाय और समूह के बारे में नफरत फैला रही हैं. वो नफरती और भड़काऊ वक्तव्य दे रही हैं. सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ रही हैं और सांप्रदायिकता फैला रही है. प्रोफेसर कक्षा में तथ्यों को गलत ढंग से तोड़-मरोड़कर पेश करती है.


कॉलेज प्रशासन ने शिल्पा सिंह को भेजा नोटिस


एबीवीपी ने पत्र में लिखा है कि प्रोफ़ेसर शिल्पा सिंह की ऑनलाइन क्लास की एक रिकॉर्डिंग में उन्होंने देखा है कि प्रोफेसर एक खास धर्म के बारे में बेबुनियादी और झूठी जानकारियां, गलत आंकड़े दे रही हैं. साथ ही तथ्यों को तोड़-मरोड़कर एक धर्म के खिलाफ नफ़रत फैला रही हैं. कॉलेज प्रशासन ने एबीवीपी के इस पत्र का संज्ञान लेकर प्रोफ़ेसर शिल्पा को नोटिस जारी किया है और उन्हें एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है. प्रोफ़ेसर शिल्पा को ये नोटिस 19 अक्टूबर को जारी किया गया.


गोवा में राजनीति विज्ञान की टॉपर हैं शिल्पा सिंह


प्रोफेसर शिल्पा सिंह व्ही.एम. सालगांवकर लॉ कॉलेज में राजनीति विज्ञान पढ़ाती हैं. शिल्पा राजनीति विज्ञान विषय की गोल्ड मेडलिस्ट हैं. राजनीति विज्ञान विषय में एमए की परीक्षा में इन्होंने गोवा राज्य में सबसे ज्यादा अंक हासिल किये थे. वर्ष 2010 में पहले ही प्रयास में यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की और वर्ष 2013 में जेआरएफ क्वालिफाई किया. फिलहाल विकास और लोकतंत्र के इंटरफेस के बारे में पीएचडी कर रही हैं. विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में इनके रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं.


शिल्पा सिंह के पक्ष में आए अन्य प्रोफेसर


राजनीति विज्ञान विषय के अन्य शिक्षकों ने इस मामले में प्रोफ़ेसर शिल्पा सिंह के साथ एकजुटता जाहिर की है. उन्होंने प्रस्ताव पारित किया है और कॉलेज प्रिंसिपल को भेजा है. जिसमें उन्होंने कक्षा के अंदर शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच खुले विमर्श, प्रश्न पूछने की आज़ादी और सहमति व असहमति प्रकट करने की आज़ादी के प्रति एकजुटता जाहिर की है. कक्षा के अंदर स्वस्थ शैक्षिक माहौल की पवित्रता के प्रति एकजुटता जाहिर की है. शिक्षक समुदाय ने एबीवीपी के द्वारा इस्तेमाल की गई डराने-धमकाने की भाषा की कड़ी निंदा की है.


शिक्षकों ने कहा है कि एबीवीपी का ये कहना कि प्रोफ़ेसर शिल्पा को 24 घंटे के अंदर बर्खास्त नहीं किया गया तो तीव्र आंदोलन होगा, ये डराने की कोशिश है. हम इसकी निंदा करते हैं. शिक्षकों ने प्रिंसिपल से मांग की है कि एबीवीपी के दबाव में न आएं और प्रोफेसर शिल्पा सिंह को अपना पक्ष रखने का मौका दें. वर्ष 2018 में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर प्रोफेसर शिल्पा सिंह को दक्षिणपंथी ट्रोल ने निशाना बनाया था. उस दौरान उन्हें गाली-गलौज़, यौन हिंसा से लेकर पुलिस कार्रवाई तक की धमकियां दी गई थीं.


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