Goa: गोवा की प्रतिष्ठित कला एकेडमी के नामी कलाकारों ने कला एकेडमी की मरम्मत करने पर पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की है. कलाकारों ने प्रतिष्ठित सांस्कृतिक स्थल को निराशा का युद्धक्षेत्र बताते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के प्रशासन के तहत घटिया मरम्मत कार्य, छतों से रिसाव, बनावट की खामियों और बढ़ी हुई लागतों पर गहरी निराशा व्यक्त की है. साथ ही कला एकेडमी के मरम्मत कार्य में कथित भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाया गया.
गोवा कला राखोन मंड के संस्थापक कोषाध्यक्ष फ्रांसिस कोएल्हो ने एकेडमी की बिगड़ती स्थिति पर कहा, “साढ़े तीन साल के इंतजार के बाद उन्होंने सिर्फ ऑडिटोरियम खोला और हमें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से गड़बड़ है. साउंड सिस्टम, लाइट, एयर कंडीशनिंग कुछ भी ठीक नहीं है.” फ्रांसिस कोएल्हो ने गोवा की प्रतिष्ठित कला एकेडमी की छतों से पानी के रिसाव और इमारत की सुरक्षा से जुड़े सवालों का भी मुद्दा उठाया.
कलाकारों ने की स्वतंत्र जांच की मांग
कला एकेडमी के मरम्मत कार्य में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद कलाकारों ने श्वेत पत्र और स्वतंत्र जांच की मांग की है. गोवा कला राखोन मंड ने कला एकेडमी के मरम्मत कार्य का पूरा विवरण बताने के लिए औपचारिक रूप से श्वेत पत्र की मांग की है, जिसमें समयसीमा, ठेकेदार और इसमें शामिल लागत शामिल है. फ्रांसिस कोएल्हो ने हाल ही में सीएम प्रमोद सावंत के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक स्वतंत्र जांच की मांग की.
'मुख्यमंत्री पर नहीं है भरोसा'
फ्रांसिस कोएल्हो ने कहा, "हमें प्रमोद सावंत और उनकी सरकार पर इन जैसे मुद्दों को संभालने का पूरा भरोसा नहीं रहा है. हमने जनता का विश्वास बहाल करने के लिए जांच समिति का नेतृत्व करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जैसे गैर-सरकारी व्यक्ति की मांग की है." इस मामले में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कलाकारों और गोवा कला राखोन मंड को आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी.
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