मानसून सत्र में गरमाई गोवा विधानसभा, 182 करोड़ के ब्रॉडबैंड घोटाले में IT मंत्री खौंटे और CM प्रमोद सावंत पर सरदेसाई ने लगाए आरोप
Vijay Sardesai On Broadband Scam: गोवा विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सरदेसाई ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग पर अनुबंध के विस्तार से संबंधित कथित 182 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया.
![मानसून सत्र में गरमाई गोवा विधानसभा, 182 करोड़ के ब्रॉडबैंड घोटाले में IT मंत्री खौंटे और CM प्रमोद सावंत पर सरदेसाई ने लगाए आरोप Goa Assembly in Monsoon Session Vijay Sardesai accused IT minister Khaunte and CM Pramod Sawant in Rs 182 crore broadband scam ann मानसून सत्र में गरमाई गोवा विधानसभा, 182 करोड़ के ब्रॉडबैंड घोटाले में IT मंत्री खौंटे और CM प्रमोद सावंत पर सरदेसाई ने लगाए आरोप](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/02/fd707203c769ede2c5915885d8d6fc1d17225767300271021_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Goa Assembly in Monsoon Session: गोवा विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार हो रहा है. विपक्ष लगातार गोवा सरकार और सीएम प्रमोद सावंत पर आक्रामक है. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई ने कथित 182 करोड़ रुपये के ब्रॉडबैंड घोटाले में आईटी मंत्री खौंटे और सीएम प्रमोद सावंत पर निशाना साधा है.
विपक्षी नेता विजय सरदेसाई ने आईटी मंत्री रोहन खौंटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का नाम भी ब्रॉडबैंड घोटाले में घसीटा है. विजय सरदेसाई ने खौंटे पर यूनाइटेड टेलीकॉम लिमिटेड (UTL) के साथ गोवा ब्रॉडबैंड नेटवर्क (GBBN) अनुबंध को गलत तरीके से कराने का आरोप लगाया है, जिससे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कदाचार का गहरा गठजोड़ होने का संकेत मिलता है.
सरदेसाई ने की घोटाले की जांच की मांग
विजय सरदेसाई ने कथित घोटाले की न्यायिक जांच की मांग की है और सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है. सरदेसाई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इनकंसिस्टेंट सेवा गुणवत्ता के दस वर्षों के बाद, जुलाई 2019 में UTL के साथ GBBN अनुबंध समाप्त हो गया. नए विक्रेता की तलाश करने के बजाय, अनुबंध को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया. सरदेसाई ने आरोप लगाया कि उस समय आईटी मंत्री रहे और अभी भी इस पद पर हैं खाउंटे ने अपनी फाइलों में मंत्रिपरिषद की मंजूरी लेने की आवश्यकता की प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया.
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग पर 182 करोड़ के घोटाले के आरोप
गोवा विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सरदेसाई ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग पर अनुबंध के विस्तार से संबंधित कथित 182 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि अनुबंध जिसे वर्ष 2019 में समाप्त होना था, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 2015 की रिपोर्ट में खराब और अस्थिर कनेक्टिविटी के लिए चिह्नित किया गया था.
जुलाई 2027 तक बढ़ाया अनुबंध
प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (PwC) की सेवा प्रदाता को बदलने की सिफारिशों और तकनीकी विचलन और उच्च शुल्क के बारे में वित्त विभाग की चेतावनियों के बावजूद, सरकार ने इन महत्वपूर्ण चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए जुलाई 2027 तक अनुबंध बढ़ा दिया.
सरदेसाई ने दिया ये तर्क
विजय सरदेसाई ने अनुबंध को 182 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाया, खासकर वित्त विभाग की तकनीकी गैर-अनुपालन के बारे में चेतावनी को देखते हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि अनुबंध को बढ़ाने का निर्णय इसके खिलाफ वित्त विभाग की सिफारिश को खारिज करके किया गया था. सरदेसाई का तर्क है कि यह निर्णय वित्तीय और तकनीकी मानदंडों की उपेक्षा का उदाहरण है, जिससे आईटी मंत्रालय और सरकार के भीतर गहरे भ्रष्टाचार का संदेह पैदा होता है.
यह भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर चल रहे बवाल पर क्या बोल गए योगेंद्र यादव, हर तरफ वीडियो की चर्चा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)