Goa Bar Row: गोवा बार केस को लेकर आज होगी सुनवाई, स्मृति ईरानी की बेटी पर कांग्रेस ने लगाया था आरोप
Goa Bar Case: लाइसेंस एंथनी डीगामा के नाम पर जारी हुआ, जबकि वह मुंबई का था. डीगामा का आधार कार्ड 30 दिसंबर, 2020 को जारी हुआ, जो कि आबकारी लाइसेंस के लिए आवेदन देने से कुछ दिन पहले जारी किया गया था.
Goa Bar Row: गोवा में एक रेस्तरां को फर्जी लाइसेंस मामले को लेकर हुई शिकायत पर दूसरी सुनवाई सोमवार को गोवा के आबकारी कमिश्नर नारायण गड (Narayan Gad) के सामने होगी, जिसके बारे में कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि यह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की बेटी से जुड़ा है. पहली सुनवाई 29 जुलाई को आबकारी आयुक्त नारायण गड ने की थी, जिन्होंने उत्तरी गोवा के असगाओ स्थित ‘‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’’ (Silly Souls Gold) रेस्तरां को नोटिस जारी किया था. सामाजिक कार्यकर्ता आयरिश रॉड्रिग्स ने 29 जून को एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया गया कि मापुसा में आबकारी कार्यालय ने एक मृत व्यक्ति-एंथनी डीगामा के नाम पर रेस्तरां के उत्पाद लाइसेंस को अवैध रूप से नवीनीकृत किया. शिकायत में कहा गया कि 17 मई, 2021 को डीगामा की मृत्यु हो गई और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा जारी एक मृत्यु प्रमाण पत्र का हवाला दिया.
शिकायत की पहली सुनवाई के दौरान 29 जुलाई को आबकारी आयुक्त ने विचार के लिए दो मुद्दे तय किए- क्या एंथनी डीगामा द्वारा आबकारी लाइसेंस झूठे, अपर्याप्त दस्तावेज जमा करके और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके प्राप्त किया गया था और क्या आबकारी अधिकारियों द्वारा प्रक्रियात्मक अनियमितताएं की गईं. डीगामा परिवार को इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. शिकायतकर्ता के अनुसार, आबकारी नियम के तहत केवल लाइसेंस वाले रेस्तरां को बार लाइसेंस जारी करने की अनुमति है, लेकिन 18 फरवरी, 2021 को आबकारी विभाग ने मानदंडों का उल्लंघन करते हुए लाइसेंस जारी किया.
शिकायत में क्या कहा गया?
शिकायत में कहा गया है कि लाइसेंस एंथनी डीगामा के नाम पर जारी किया गया था, जबकि वह मुंबई का निवासी था. शिकायत के मुताबिक डीगामा का आधार कार्ड 30 दिसंबर, 2020 को जारी हुआ, जो कि आबकारी लाइसेंस के लिए आवेदन देने से कुछ दिन पहले जारी किया गया था. कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि अनिवार्य पुलिस सत्यापन भी नहीं किया गया. डीगामा के परिवार के वकील बेनी नाजरथ ने पुर्तगाली नागरिक संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा था कि किसी मामले में जब पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शक्तियां (इस मामले में शराब लाइसेंस) स्वत: ही जीवनसाथी को स्थानांतरित हो जाती हैं. मामले में पहली सुनवाई के दौरान डीगामा के परिवार के सदस्यों ने अधिकारियों से कहा था कि यह पूरी तरह से उनका कारोबार है और इसमें कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने क्या कहा था?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी बेटी का नाम रेस्तरां से जोड़ने के लिए कांग्रेस के तीन नेताओं के खिलाफ दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर किया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि ईरानी और उनकी बेटी न तो गोवा में रेस्तरां की मालिक हैं और न ही उन्होंने रेस्तरां में भोजन और पेय पदार्थों के लाइसेंस के लिए कभी आवेदन किया, जैसा कि आरोप लगाया गया.
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