Alexio Sequeira Minister: गोवा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विधायक एलेक्सो सेक्वेरा ने रविवार (19 नवंबर) को मंत्री पद की शपथ ली है. बीजेपी नेतृत्व वाली गोवा सरकार के मंत्री नीलेश कबराल के कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने शपथ ली है. गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की मौजूदगी में एलेक्सो सेक्वेरा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है.
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एलेक्सो सेक्वेरा ने कहा कि वह राज्य के लोगों के हित में जो कुछ भी कर सकते हैं वह करेंगे. उन्होंने कहा, ''हम लोकसभा की दोनों सीटें जीतेंगे.''
पिछले साल हुए थे बीजेपी में शामिल
पिछले साल 14 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलिलाह लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई और रुडोल्फ फर्नांडीस के साथ एलेक्सो सेक्वेरा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इससे 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के महज तीन विधायक रह गए थे.
एलेक्सो को दिया जाना था मंत्री पद
सूत्रों ने कहा कि एलेक्सो सेक्वेरा को बीजेपी में शामिल होने के समय ही मंत्रीमंडल में जगह देने का वादा किया गया था. राजनीतिक हलकों में ये भी अटकलें लगाई जा रही थी कि एलेक्सो के साथ दिगंबर कामत, माइकल लोबो और संकल्प अमोनकर को मंत्रालय मिल सकता है. हालांकि सूत्रों ने कहा है कि इस बारे में बीजेपी सरकार भविष्य में फैसला ले सकती है.
निलेश कैब्राल ने क्यों दिया इस्तीफा?
राज्य की सरकार में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले नीलेश कैब्राल के पास कानून और न्यायपालिका, पर्यावरण, विधायी मामले और लोक निर्माण सहित चार विभाग थे. इन्हीं के इस्तीफा के बाद एलेक्सो को मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
अपने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कैब्राल ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं और मुख्यमंत्री के अनुरोध पर इस्तीफा दिया है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वालों को एक कमिटमेंट दिया गया था जिसे पूरा करना जरूरी था.
गृह मंत्री के बयान की निंदा की थी
तीसरी बार के विधायक कैब्राल म्हादेई बेसिन के डायवर्जन मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की निंदा करने वाले एकमात्र बीजेपी नेता थे. जनवरी में, बेलगावी-कर्नाटक में एक विधानसभा की चुनाव रैली के दौरान शाह ने कहा था, ''आज मैं आपको यह बताने के लिए यहां हूं कि केंद्र में बीजेपी ने म्हादेई को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझा लिया है और कई जिलों के किसानों की प्यास बुझाने के लिए म्हादेई को कर्नाटक की ओर मोड़ने की अनुमति दे दी है."
इसके बाद कैब्राल ने जनवरी में कहा था, ''मैं अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं. हम म्हादेई बेसिन से पानी को बाहर ले जाने के खिलाफ हैं.'' उनके इस बयान के बाद से ही मंत्रिमंडल से उनके इसितीफे की चर्चा तेज हो गई थी.
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