पणजी: गोवा चर्च की शाखा ‘सामाजिक न्याय एवं शांति परिषद’ (सीएसजेपी) ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से राज्य में ‘बीफ’ की कमी के मुद्दे को सुलझाने का आग्रह किया है.
सीएसजेपी का कहना है कि कर्नाटक से ‘बीफ’ की आपूर्ति बंद होने के बाद गोवा में इसकी कमी हो गई है. कर्नाटक विधानसभा ने हाल ही में गौ वध पर रोक लगाने संबंधी विधेयक पारित किया है.
सावंत को 15 दिसंबर को सौंपे एक ज्ञापन में सीएसजेपी ने आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात करें ताकि गोवा के सैकड़ों मांस कारोबारियों के हित को देखते हुए कानून की अधिसूचना जारी न की जाए. बीजेपी शासित गोवा में गौ वध पर प्रतिबंध है लेकिन सांड़ और भैंसों को वैध कसाईखानों में काटा जा सकता है.
सीएसजेपी निदेशक फादर सेवियो मरिया फर्नांडीज ने कहा कि कर्नाटक ने गौ-वंश वध पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित किया है जिसके तहत सांड और भैंस को काटने पर भी रोक है और इसके साथ ही इन्हें बेचने और परिवहन पर भी प्रतिबंध है.
फर्नांडीज ने ज्ञापन में कहा, “इस विधेयक से गोवा के मांस कारोबारियों पर विपरीत असर पड़ा है जो बीफ की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हैं.” उन्होंने कहा कि 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐसा ही विधेयक पारित किया था जिसके कारण गोवा को पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर होना पड़ा था. उन्होंने कहा, “चूंकि गोवा में बड़े स्तर पर खेती नहीं होती इसलिए मांस की आपूर्ति के लिए राज्य में पर्याप्त संख्या में पशु नहीं हैं.”
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