पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पणजी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिये अपना नामांकन दाखिल किया. पणजी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 23 अगस्त को होना प्रस्तावित है. पर्रिकर आज सुबह चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचे और अपने नामांकन संबंधी दस्तावेज जमा किये. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे.


''ठीक एक साल बाद पूरी हो जाएगी योजना''


पर्रिकर ने नामांकन से पहले अपने समर्थकों से कहा, ‘‘28 अगस्त को चुनाव परिणाम आने के बाद पणजी के लिये 365 दिन की कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा. इस योजना की उल्टी गिनती 29 अगस्त से शुरू हो जाएगी और ठीक एक साल बाद यह योजना पूरी हो जाएगी.’’


उन्होंने कहा कि विकास, अवसंरचना, शिक्षा का विकास और पणजी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की अन्य समस्याओं का निदान एक साल के अंदर कर लिया जाएगा अथवा उन पर काम शुरू कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्रवाई योजना के तहत बिजली, पानी, नाली, कूड़ा और अन्य समस्याओं को भी कार्ययोजना के अंतर्गत माना जाएगा.


नामांकन से पहले मंदिर और चर्च भी गए पर्रिकर


नामांकन दाखिल करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पणजी में स्थित महालक्ष्मी मंदिर और इमैक्यूलेट कॉन्सेप्शन चर्च भी गये. इस सीट से वह 1994 से 2014 तक निर्वाचित हो चुके हैं.


आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बीजेपी गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से एक गठबंधन कर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफल हो गयी थी.


पर्रिकर ने 14 मार्च को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ


बीजेपी की गोवा में सरकार बनने के बाद पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और गोवा के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने इसी साल 14 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मुख्यमंत्री का प्रभार संभालने के बाद उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना था. पर्रिकर के सामने कर्चोरेम या पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई और उन्होंने पणजी को चुना जिसे उनका गढ़ माना जाता है.


पणजी और वालपोई सीट पर 23 अगस्त को उपचुनाव होगा. पणजी सीट से बीजेपी के विधायक सिद्धार्थ कुनकोलीएंकर ने और वालपोई सीट से कांग्रेस के विश्वजीत राणे ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद इन सीटों पर उपचुनाव कराया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि कुनकोलीएंकर ने पर्रिकर के लिए सीट खाली करने के लिए इस्तीफा दिया.