नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को जल्द ही इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जा सकता है. वे गुरुवार से गोवा के कैंडोलिम अस्पताल में भर्ती हैं. पर्रिकर सात सितंबर को अमेरिका से इलाज के बाद लौटे थे. वे इससे पहले भी अमेरिका जाकर इलाज करा चुके हैं और 22 अगस्त को गोवा लौटे थे, लेकिन लौटने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था और फिर अमेरिका गये थे.
उनकी खराब सेहत के बाद गोवा में मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज हो गई है. बीजेपी के भीतर मनोहर पर्रिकर की लगातार खराब सेहत को देखते हुए चर्चा है कि राज्य का नेतृत्व बदला जाए. कल पर्रिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बात की थी. बीजेपी के एक नेता ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘पर्रिकर ने शाह से बात की और उन्हें राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में अवगत कराया और उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी दी. यह निर्णय किया गया कि पर्रिकर मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे लेकिन हो सकता है कि वह अपने कुछ प्रभार अपने कैबिनेट सहयोगियों को दे दें.’’
नेता ने कहा, ‘‘अगले सप्ताह तक सरकार एक व्यवस्था तय करेगी जिसके जरिये पर्रिकर पर से काम के बोझ को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही कैबिनेट के दो बीमार चल रहे मंत्रियों पांडुरंग मडकाइकर और फ्रांसिस डिसूजा को बदलने पर भी विचार हो सकता है.’’ दोनों मडकाइकर और डिसूजा अस्पताल में भर्ती हैं.
इससे पहले कल दिन में गोवा बीजेपी ने अपनी प्रदेश स्तरीय कोर कमेटी की बैठक की. कोर कमेटी ने बाद में पर्रिकर से मुलाकात की. सरकार में सहयोगी दलों के नेताओं ने भी पर्रिकर से मुलाकात की.
आपको बता दें कि कांग्रेस गोवा की बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रही है. पिछले दिनों पार्टी प्रवक्ता ने कहा था कि पर्रिकर सहित तीन कैबिनेट मंत्री गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, जो ऐसे मंत्रालयों को देख रहे हैं, जिसके लिए बजट का करीब 80 फीसदी भाग अवंटित है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मौजूदा सरकार को बर्खास्त करने के लिए संपर्क करेगी. कांग्रेस यह भी दावा कर चुकी है कि बीजेपी के कई विधायक उसके संपर्क में हैं.
आपको बता दें कि गोवा में गठबंधन की सरकार है. सूबे में पिछले साल हुए चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस कुल 40 में से 17 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं 13 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी. हालांकि बाद में बीजेपी ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में गठबंधन कर सरकार बना ली. तब पर्रिकर केंद्र में रक्षा मंत्री थे और उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.