Goa Airport: CM प्रमोद सावंत के एक फैसले से हुआ 207 करोड़ का नुकसान! विपक्ष ने उठाए बड़े सवाल
Goa News: सरकार पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई के नेतृत्व में विपक्ष ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के फैसले की वजह से 207 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
Goa News: गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई के नेतृत्व में गोवा में विपक्षी नेताओं ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर तीखा हमला किया है. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के फैसले से राज्य को 207 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
विजय सरदेसाई ने राज्य के विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया और दावा किया कि जीएमआर गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ रियायती समझौते में संशोधन से गोवा राज्य को कथित रूप से महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है.
विजय सरदेसाई ने किया दावा
गोवा फॉरवर्ड पार्टी प्रमुख विजय सरदेसाई ने दावा किया कि गोवा सरकार को शुरू में 31 मई 2024 से जीजीआईएएल समझौते के साथ राजस्व हिस्सेदारी प्राप्त होनी थी लेकिन राज्य की कैबिनेट ने इसे बढ़ाकर 7 दिसंबर 2024 तक कर दिया. सरदेसाई ने दावा किया है, ‘कोविड प्रतिबंधों के दौरान केवल 20 दिनों की कामकाज़ बंद रहने अवधि के लिए राजस्व को नुकसान सहन करना होगा. गोवा सरकार द्वारा यह जीजीआईएएल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया गया था. यह एक तरह का सरकारी अवकाश है जो सीएम सावंत ने जीएमआर को दिया है.’
उन्होंने आगे कहा, 'यह राशि 207 करोड़ रुपये है जो गोवा राज्य को रियायती समझौते के विस्तार के कारण जीजीआईएएल को दी गई थी. यह जानकर हैरानी होती है कि गोवा के लिए राजस्व कमाने के बजाय राज्य सरकार कैबिनेट ने पैसे गंवाने का फैसला किया. यह गोवा के लोगों का नुकसान है और पूरे कैबिनेट पर सवाल उठता है कि क्या वे सरकारी खजाने के साथ मिलीभगत कर रहे हैं ?'
आप गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने भी उठाए सवाल
आप गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने भी सीएम प्रमोद सावंत पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या कारण है कि एमओपीए हवाई अड्डे के सौदे पर इस तरह की 'लंबी' छूट दी गई. "कोविड प्रतिबंधों के केवल 20 दिन के नुकसान के लिए, राज्य मंत्रिमंडल ने लगभग छह महीने का विस्तार देने का फैसला क्यों किया ? गोवा के आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? यह गोवा के लोगों का पैसा है और ऐसा लगता है इस सौदे में भी भ्रष्टाचार किया गया. पालेकर ने पूछा की कंसेशनेयर एग्रीमेंट को आगे बढ़ाकर एक निजी कंपनी को 207 करोड़ रुपये का फायदा किसको हो रहा है?''