Operation Lotus: गोवा में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिली है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत समेत कांग्रेस के आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस विधायकों के टूटने की अटकलें दो महीने पहले भी लगाई गई थीं, लेकिन तब कांग्रेस ने अपना कुनबा टूटने से बचा लिया था. हालांकि अब साफ हो चुका है कि गोवा कांग्रेस में टूट हो चुकी है. 


गोवा से कांग्रेस के लिए बुरी खबर आते ही विपक्षी दलों ने इसे ऑपरेशन कमल से जोड़ना शुरू कर दिया है. आम आदमी पार्टी विधायक आतिशी मार्लेना ने ट्वीट कर कहा कि, गोवा में ऑपरेशन लोटस कामयाब हो चुका है. अब इन आरोपों के बीच हम आपको बता रहे हैं कि बीजेपी ने किन-किन राज्यों में कांग्रेस का खेल खराब किया. साथ ही उस पर ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया गया. 


गोवा में कांग्रेस खत्म?
इसी साल यानी 2022 में गोवा में विधानसभा चुनाव हुए. 40 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसके बाद पार्टी ने राज्य में अन्य दलों को साथ मिलाकर सरकार बनाई. वहीं कांग्रेस को 11 सीटें मिली थीं. चुनाव नतीजों में मिली हार के बाद से ही कांग्रेस में कलह की खबरें सामने आने लगीं. इसके बाद जुलाई में दावा किया गया कि कांग्रेस के 9 विधायक टूटकर बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. हालांकि विधानसभा में नेता विपक्ष माइकल लोबो की तरफ से इससे साफ इनकार कर दिया गया. विधायकों की बैठक बुलाई गई और तब पूरा मामला सुलझा लिया गया. विपक्षी नेताओं की तरफ से कहा गया कि ऑपरेशन लोटस फेल हो गया. 


जुलाई के बाद अब सितंबर में बीजेपी का ये दावा सच हो गया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो समेत आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक माइकल लोबो ने कहा कि, "हम प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हाथ मजबूत करने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं."


2017 में भी कांग्रेस चारों खाने चित
ऐसा नहीं है कि पहली बार गोवा में कांग्रेस के साथ ये सब हुआ हो. साल 2017 में भी बीजपी ने कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया था. कांग्रेस 40 में से 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं बीजेपी को 13 सीटें हासिल हुईं. लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने गोवा में सरकार बना ली. अमित शाह ने नतीजों के बाद ये बयान देते हुए सभी को चौंका दिया कि वो गोवा में सरकार बनाने जा रहे हैं. ये सच साबित हुआ और छोटे दलों को साथ लेकर बीजेपी ने सरकार बना ली. खास बात ये रही कि कांग्रेस को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसके दो साल बाद 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक टूटकर बीजेपी में शामिल हो गए. ये कांग्रेस के लिए गोवा में लगातार दूसरा बड़ा झटका था.  


महाराष्ट्र में भी गिरी उद्धव सरकार 
महाराष्ट्र में भी बीजेपी पर ऑपरेशन कमल चलाकर एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की सरकार गिराने के आरोप लगे. महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी नेता सरकार गिरने के दावे करते रहे. लेकिन ये दावे सच साबित तब हुए जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत का बिगुल बजा दिया. इसी साल जून में एकनाथ शिंदे करीब 40 से ज्यादा विधायकों के साथ गुवाहाटी के एक होटल में चले गए. यहां से उन्होंने ऐलान किया कि वो उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ रहे हैं. इसके बाद बीजेपी ने सामने आकर शिंदे से हाथ मिलाया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का समझौता हुआ, वहीं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए. सरकार बनने के बाद विपक्षी नेताओं की तरफ से कहा गया कि ये पूरा खेल ऑपरेशन कमल के तहत हुआ. 


मध्य प्रदेश में गिरी कांग्रेस की सरकार
मध्य प्रदेश में साल 2018 में कांग्रेस की वापसी हुई. कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया. क्योंकि सीटों की संख्या का अंतर काफी कम था, इसलिए कांग्रेस को लगातार सरकार गिरने का डर सताता रहा. लेकिन दो साल बाद 2020 में ये डर सच साबित हो गया. जब पार्टी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी. उनके 22 समर्थक विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और बाद में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में सरकार बना दी. 


कर्नाटक में गिरी कांग्रेस-जेडीएस की सरकार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में हुए, यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी...लेकिन इसके बावजूद सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई. बीजेपी को कुल 224 सीटों में से 104 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं. कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन में सरकार बनाने का दावा पेश किया. लेकिन 14 महीने तक सरकार चलने के बाद अचानक कांग्रेस और जेडीएस के करीब 17 विधायक मुंबई चले गए. विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई और इस तरह कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिर गई. यहां भी बीजेपी पर ऑपरेशन कमल चलाकर सरकार गिराने का आरोप लगा. 


अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस हुई थी साफ
अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था. साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस को 60 में से सबसे ज्यादा 42 सीटें मिलीं. जिसके बाद पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई. वहीं बीजेपी को महज 11 सीटों पर जीत मिली. लेकिन दो साल बाद 2016 में कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई. आपसी झगड़े के चलते मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत सभी 42 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (PPA) में शामिल हो गए. इसके बाद बीजेपी ने पीपीए के साथ मिलकर सरकार बनाई. 


इन तमाम राज्यों के अलावा बीजेपी पर बाकी कई राज्यों में भी ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगा. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई लड़ाई के दौरान भी इसका जिक्र हुआ था, तब सरकार गिरने से बाल-बाल बची. इसके अलावा हाल ही में जब दिल्ली सरकार पर शराब नीति को लेकर आरोप लगे तो केजरीवाल सरकार ने दावा किया कि बीजेपी उनके विधायकों को खरीदने का ऑफर दे रही है. AAP की तरफ से दावा किया गया कि एक विधायक को 20 करोड़ का ऑफर दिया जा रहा है. 


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