Goa Tourism: गोवा में शुरू हुआ रीजनरेटिव पर्यटन, क्या है सरकार का मकसद?
Goa Regenerative Tourism: गोवा सरकार ने राज्य में रीजनरेटिव पर्यटन शुरू करने का फैसला किया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में नए किस्म के पर्यटन को बढ़ावा देने में बल मिलेगा.
Goa Regenerative Tourism Model: गोवा सरकार राज्य की छवि को केवल अच्छे समुद्र तटों तक सीमित नहीं रखना चाहती. राज्य की इमेज छवि को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने रीजनरेटिव पर्यटन को बढ़ावा देने के फैसला किया है. इसके लिए गोवा सरकार ने देश का पहला रीजनरेटिव पर्यटन लॉन्च किया है. गोवा की आजादी की 62वें वर्षगांठ पर राज्य के पर्यटन विभाग ने नई पर्यटन नीति को घोषणा की, जिसका नाम रीजनरेटिव टूरिज्म रखा गया है.
इसके माध्यम से सरकार राज्य में पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक संरक्षण और सामुदायिक सशक्तीकरण को मजूबत करना चाहती है. इसके लिए गोवा टूरिज्म विभाग मुख्य रूप से चार चीजों पर फोकस करेगा, जिनमें आध्यात्मिकता, स्वदेशी, सभ्यता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रमुखता दी जाएगी.
गोवा सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में नए किस्म के पर्यटन को बढ़ावा देने में बल मिलेगा. सरकार ने हाल ही में गोवा में हुए जी20 पर्यटन मंत्रियों के कार्य समूह की बैठक के दौरान तय मानदंडों और 1980 के मनीला घोषणापत्र के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए नई पर्यटन नीति का ऐलान किया है.
पर्यटन के क्षेत्र में बदलाव
राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने इस नई नीति का ऐलान करते हुए ये भरोसा जताया कि वह जल्द ही राज्य को रीजनरेटिव पर्यटन के एक उदाहरण के तौर पर पेश कर सकेगा. नई नीति का ऐलान करते हुए राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खंवटे ने कहा कि एकादश तीर्थ की शुरुआत के साथ ही हम आध्यात्मिकता, स्वदेशी, सभ्यतागत और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सजग पर्यटन पर जोर देते हुए भारतीय पर्यटन को एक नया आयाम देना चाहते है.
उन्होंने कहा, "हम रीजनरेटिव पर्यटन के जरिए पर्यटन के साथ-साथ पर्यावरण, भारतीय सभ्यता, तमाम समुदायों के साथ बेहतर संतुलन स्थापित करना चाहते हैं. पर्यटन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना हमारा उद्देश्य है. हम पर्यावरण और जनसंख्या को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसी नीतियों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, जो पर्यटन और यात्राओं को बढ़ावा दे."
पर्यटकों को बढ़ावा देना है उद्देश्य
गोवा पर्यटन विकास निगम के निदेशक सुनील अंचीपका ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य पर्यटकों और मेजबान के बीच आपसी सम्मान स्थापित करना है. हम सब इस योजना का हिस्सा हैं और ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम सब इसमें खुद को शामिल समझें और अपने-अपने स्तर से इसमें हर प्रकार से निवेश के लिए तैयार रहें."
उन्होंने बताया कि वह एकादश तीर्थ में महिलाओं और युवाओं की मजबूत भूमिका के लिए भी लगातार उद्यमियों और इंवेस्टर के संपर्क में हैं. अंचीपकाये भी कहा कि कोविड की चुनौतियों के बाद गोवा सरकार का प्रयास ज्यादा से ज्यादा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाने पर है. गोवा सरकार का ये कदम दिखाता है कि वैश्विक चलन के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार और तमाम राज्य सरकारें पर्यटन को आर्थिक और व्यावसायिक कूटनीति का एक मजबूत माध्यम बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही हैं.
इसका एक दूसरा उदाहरण हाल ही जब पीएम मोदी ने लक्ष्यद्वीप जाकर वहां के टूरिज्म को प्रमोट किया और ज्यादा से ज्यादा लोगों को लक्ष्यद्वीप जाने के लिए प्रेरित किया.
ये भी पढ़ें: Ram Mandir: कालाराम मंदिर पहुंचे पीएम मोदी जमीन पर बैठकर किया कीर्तन, जानिए क्या है भगवान राम से इसका कनेक्शन?