गोवा सरकार कोरोना मृत्यु दर में कमी के लिए देगी Ivermectin की दवा, WHO ने ऐसा न करने की दी चेतावनी
गोवा सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को Ivermectin की दवा देने की घोषणा की है, लेकिन WHO ने इस दवा का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी है.
पूरे देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच गोवा ने राज्य के सभी नागरिकों को आईवरमेक्टिन (Ivermectin) नाम की दवा देने की घोषणा की है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का कहना है कि इससे कोरोना की मृत्यु दर में कमी आएगी. विश्वजीत राणे का कहना है कि ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जापान जैसे देशों के विशेषज्ञों ने कोरोना के इलाज में इसके इस्तेमाल से मृत्यु दर में कमी और जल्द रिकवरी की पुष्टि की है. ये दवा गर्भवती महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी.
WHO ने दवा के इस्तेमाल को लेकर दी चेतावनी
हालांकि अमेरिका के FDA यानि Food and Drug Administration व विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस दवा के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है. Ivermectin एक दवा है जिसका उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के परजीवी संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है. FDA के अनुसार, Ivermectin एक पशु चिकित्सा दवा है, जिसका उपयोग अक्सर अमेरिका में पशुओं में परजीवियों के इलाज या रोकथाम के लिए किया जाता है. कुछ परजीवी कृमियों के लिए Ivermectin की दवा की विशिष्ट मात्रा दी जाती है. ये कोई एंटी वायरल दवा नहीं है.
दवा के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं
WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट कर चेतावनी दी है कि दवा को लेकर किए गए क्लिनिक ट्रायल में इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि इस दवा का कोरोना के वायरस पर कोई भी असर होता है. साथ ही ये दवा कितनी सुरक्षित है इसके संबंध में भी कोई डेटा मौजूद नहीं है. इसके कई गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. जबकि गोवा सरकार Ivermectin 12mg के पांच दिनों तक इस्तेमाल करने से मृत्यु दर में कमी का दावा कर रही है. गोवा सरकार स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक ये दवा संक्रमण रोक नहीं सकती है, लेकिन बीमारी का स्वरूप गंभीर होने से रोकने में कारगर है.
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