Mahadayi Water Diversion Issue: गोवा के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता दयानंद मांडरेकर ने शुक्रवार को महादयी नदी विवाद पर कर्नाटक सरकार के रवैये की तुलना महाभारत के दुर्योधन के रवैये से कर दी. दरअसल, गोवा के पूर्व जल संसाधन मंत्री मांडरेकर महादयी के पानी को मोड़े जाने के मुद्दे पर पार्टी के पूर्व विधायकों की सभा को संबोधित कर रहे थे. इस सभा में गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावडकर भी मौजूद थे.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, मंत्री दयानंद मांडरेकर ने इस सभा में कहा, "गोवा और कर्नाटक पड़ोसी राज्य हैं. हमारे गांव में, हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बना कर रखते हैं क्योंकि हम अच्छे और बुरे समय में उन पर भरोसा करते हैं." मांडरेकर 2012-2017 के बीच मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मंत्री रहे हैं.
गोवा को कर्नाटक के प्रस्ताव पर आपत्ति
महादयी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच कई सालों से विवाद है. गोवा ने महादयी नदी की कलसा और बंडुरी सहायक नदियों पर बांध बनाने के कर्नाटक के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है. बीजेपी नेता ने कहा, "कर्नाटक के रवैये को देखते हुए, मुझे सतयुग याद आता है... दुर्योधन ने कहा था कि वह पांडवों को एक सुई की नोंक भर भी जमीन नहीं देगा. दुर्योधन सभी को धमका रहा था." उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य को यह समझना चाहिए लोग लोकतंत्र में जी रहे हैं.
डीपीआर को मिली मंजूरी
महादयी की दोनों सहायक नदियों कलसा और बंडुरी पर बांध बनाने को लेकर कर्नाटक ने केंद्रीय जल आयोग के सामने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पेश की थी, जिसको मंजूरी दे दी गई है. डीपीआर पर गोवा सरकार ने आपत्ति जताई है.
गोवा सरकार ने विवाद पर तर्क देते हुए कहा कि कर्नाटक नदी के पानी को मोड़ नहीं सकता है क्योंकि यह महादयी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरती है. यह क्षेत्र उत्तरी गोवा में दक्षिण में मौजूद है. इस हफ्ते की शुरुआत में, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था कि राज्य सरकार कानूनी, तकनीकी और राजनीतिक मोर्चों पर प्रयास कर रही है. सरकार महादयी नदी के पानी की लड़ाई जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.