नई दिल्लीः गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए ये चर्चा चल रही थी कि उनकी जगह बीजेपी किसी और को मुख्यमंत्री बना सकती है लेकिन आज इसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फैसला सुना दिया है. गोवा प्रदेश भाजपा की कोर टीम के साथ चर्चा कर अमित शाह ने कहा कि यह फैसला लिया गया है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ही गोवा सरकार का नेतृत्व करते रहेंगे यानी गोवा के सीएम वही बने रहेंगे.


हालांकि इसके साथ अमित शाह ने एक और एलान भी किया. अमित शाह ने कहा कि गोवा की प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल व विभागों में बदलाव जल्द ही किया जाएगा. यानी कुछ ही दिन में गोवा कैबिनेट में नए मंत्री आ सकते हैं या कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव हो सकता है.


साफ है कि साफ सुथरी छवि वाले मनोहर पर्रिकर की जगह गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी फिलहाल किसी और के नाम पर विचार नहीं कर रही है. बीजेपी को डर है कि पर्रिकर को हटाने के बाद बीजेपी के सहयोगी गोवा में उसका साथ छोड़ सकते हैं और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशें हो सकती हैं.





बता दें कि कुछ दिनों पहले मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के बाद गोवा में मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज हो गई थी. बीजेपी के भीतर मनोहर पर्रिकर की लगातार खराब सेहत को देखते हुए चर्चा थी कि राज्य का नेतृत्व बदला जाए. लेकिन बीजेपी ने यह निर्णय किया कि पर्रिकर मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब 62 साल के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्नाशय की बीमारी का इलाज कराने के लिए दिल्ली में एम्स में भर्ती हैं.


मनोहर पर्रिकर सितंबर के पहले ही सप्ताह में अमेरिका से लौटे थे. उसके कुछ ही दिन बाद उन्हें उत्तरी गोवा के कंडोलिम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. साल की शुरूआत में भी पर्रिकर इलाज के लिए तीन महीने अमेरिका में थे.


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दरअसल मनोहर पर्रिकर की गैर मौजूदगी के बाद गोवा में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. राज्य में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने हाल ही में 17 सितंबर को राज्य में अपनी सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था. कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को दो ज्ञापन सौंपकर सकार बनाने का दावा पेश किया.


गोवा में फिलहाल बीजेपी नीत गठबंधन सरकार है. 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बीजेपी के फिलहाल 14 विधायक हैं, जबकि जीएफपी (गोवा फॉरवर्ड पार्टी) और एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी) के तीन-तीन विधायक हैं. बीजेपी को तीन निर्दलीय और राकांपा के एक विधायक भी समर्थन दे रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के पास सिर्फ 16 विधायक हैं.


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