BJP Vs Congress: गोवा कांग्रेस (Goa Congress) में हालिया दलबदल ने राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को प्रभावी रूप से विपक्ष-रहित सरकार बना दिया है. इस सियासी उठापटक में कांग्रेस को तो बड़ा झटका लगा ही है, लेकिन लोगों के मन में सवाल यही है कि बीजेपी ने विपक्ष में इस तरह की सेंध क्यों लगाई.


ये बात जगजाहिर है कि गोवा विधानसभा (Goa Assembly) में बीजेपी (BJP) की ताकत बहुमत के निशान से काफी आगे है और सीएम प्रमोद सावंत (CM Pramod Sawant) को कोई खतरा भी नहीं था. हालांकि, अब यह पता चल रहा है कि कांग्रेस को बीजेपी के आंतरिक सत्ता समीकरण के कारण ये नुकसान हुआ है.


गोवा विधानसभा का समीकरण


गोवा विधानसभा की 40 सीटों में बीजेपी के पास 20 सीटें हैं. एमजीपी और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ 25 विधायकों के समर्थन से प्रमोद सावंत की सरकार सुरक्षित है. वहीं 11 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के पास अब दलबदल के बाद सिर्फ 3 विधायक रह गए हैं.


दलबदल के पीछ प्रमोद सावंत का हाथ?


बताया गया है कि दलबदल की साजिश खुद सीएम प्रमोद सावंत ने रची. राजनीतिक पंडितों का यह दृढ़ विश्वास है कि सावंत ने अपनी सरकार को गिराने के किसी भी कदम को पहले ही उठने से रोक लिया है. सावंत के मंत्रिमंडल में मंत्री विश्वजीत राणे (Vishwajit Pratapsingh Rane) को उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है. 


विश्वजीत राण से सावंत को खतरा!


2017 में कांग्रेस छोड़ने के बाद, राणे भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें मनोहर पर्रिकर के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. पर्रिकर के निधन के बाद, भाजपा ने शेष कार्यकाल के लिए सावंत को मुख्यमंत्री के रूप में चुना. गोवा के राजनीतिक गलियारों में हर कोई विश्वजीत राणे की महत्वाकांक्षाओं से वाकिफ है. वह पिछली कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री थे और वालपोई निर्वाचन क्षेत्र से अच्छे अंतर से चुनाव जीते थे. उनकी पत्नी देविया राणे भी पोरीम से भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गईं.


विज्ञापन में नहीं लगाई थी सीएम सावंत की तस्वीर


पूर्व सीएम प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत, गोवा बीजेपी में एक प्रभावशाली नाम हैं. गोवा के सियासी गलियारों में सीएम प्रमोद सावंत के साथ उनके अटूट रिश्ते अक्सर देखने को मिलते हैं. चुनाव जीतने के बाद, विश्वजीत राणे और उनकी पत्नी ने अपने-अपने मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए गोवा के प्रमुख समाचार पत्रों में पहले पन्ने के विज्ञापन प्रकाशित किए. विज्ञापनों में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और देवेंद्र फडणवीस जैसे पार्टी के विभिन्न नेताओं की तस्वीरें थीं, लेकिन प्रमोद सावंत नहीं थे.


देविया ने मीडियाकर्मियों से यहां तक ​​कहा कि विश्वजीत मुख्यमंत्री पद के योग्य दावेदार हैं, क्योंकि वह "पिछले 15 वर्षों में एक अनुभवी राजनेता" हैं. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा.


कांग्रेस के 8 विधायकों को शामिल करने की असल वजह


राजनीतिक विशेषज्ञ भविष्य में सावंत के खिलाफ विश्वजीत राण के विद्रोह की संभावना से इनकार नहीं करते हैं. अगर ऐसा होता है तो सावंत को सरकार को बचाने के लिए पर्याप्त संख्या अपने हाथ में रखने की आवश्यकता होगी. यही कारण है कांग्रेस के 8 विधायकों को पार्टी में शामिल करवाया गया है. गोवा कैबिनेट में अगले हफ्ते फेरबदल की भी संभावना है. कुछ मंत्रियों को हटा दिया जाएगा और कांग्रेस से कुछ नए चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.


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