गडकरी को दी गई थी राज्य में सरकार बनाने की ज़िम्मेदारी
दरअसल मनोहर पर्रिकर के निधन की ख़बर आते ही राज्य में सरकार बनाने की ज़िम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दी गई थी. मनोहर पर्रिकर के निधन की ख़बर आते ही नितिन गडकरी 17 मार्च देर रात दो बजे गोवा के सिडाडे गोवा होटल पहुंचे. वहां गडकरी ने सबसे पहले अपने सहियोग दल एमजीपी, गोवा फ़ॉरवर्ड और तीन निर्दलिय विधायकों से मुलाकात की. करिब दो घंटे चली इस मुलाक़ात में नितिन गडकरी ने उनसे समर्थन मांगा. लेकिन छह विधायकों का एक दल बना चुके विजय सरदेसाई को ये पता था कि सरकार का रिमोट कंट्रोल उनके पास है. बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए विजय सरदेसाई का साथ एमजीपी के सुधिन ढवलीकर ने भी दिया.
दोनों ने पहले तो बीजेपी की तरफ से दिए गए श्रीपाद नाइक के नाम को नामंज़ूर किया और बीजेपी के सामने उन्हें ही मुख्यमंत्री पद की मांग कर दी. लेकिन ये मांग बीजेपी को मंज़ूर नहीं थी. वह भी जानते थे कि बीजेपी उनके उस प्रस्ताव को नहीं मानेगी, लेकिन बीजेपी पर दबाव बनाकर ज़्यादा से ज़्यादा अपना फ़ायदा करने के लिए ये उनकी एक चाल थी.
गडकरी की चेतावनी के बाद कमजोर पड़ गए गठबंधन सहयोगियों के सुर
अगले दिन सुबह बीजेपी की तरफ से स्पीकर प्रमोद सावंत का नाम आगे किया गया. नितिन गडकरी लगातार विजय सरदेसाई और ढवलीकर को मनाने की कोशिश करते रहे, लेकिन दोनों बीजेपी के सामने बडी मांगे रखते गए. नाराज़ नितिन गड़करी ने सोमवार दोपहर को हुई बैठक में सीधे कह दिया कि अगर वो सहमति नहीं बनाते तो बीजेपी हाउस निलंबित करने या डिज़ॉल्व करने से कतराएंगी नहीं. निकाल गडकरी की इस चेतावनी के बाद दोनों पार्टियों के सुर कमजोर पड़ गए, लेकिन बीजेपी के सामने नया प्रस्ताव रखने के लिए सोमवार दोपहर को दोबारा एनसीपी और गोवा फ़ॉरवर्ड के बीच बैठक हुई. इस बैठक में प्रमोद सावंत के नाम पर हामी भरी, लेकिन ख़ुदके लिए उप मुख्यमंत्री पद की मांग कर दी. साथ में गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी मांग लिए.
बीजेपी राज्य में दो उप मुख्यमंत्री देना नहीं चाहती थी, लेकिन सहियेगा दल इसपर अड़ें रहे. इस बीच नितिन गडकरी को अमित शाह का साथ मिला. अमित शाह और नितिन गडकरी ने एक रणनीति बनाई. उन्होंने विजय सरदेसाई को उप मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव देकर 6 विधायक अपने साथ कर लिए. वहीं एमजीपी पर दबाव बनाने के लिए बीजेपी ने एमजीपी को दो विधायक बाबू आझगांवकर और दिपक पाउसकर से संपर्क करना शुरू किया, जो इससे पहले भी बीजेपी में शामिल होने के लिए संपर्क बना चुके थे.
बीजेपी ने उप मुख्यमंत्री पद देकर महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे
एमजीपी के कुल तीन विधायक जिनमें से दो पार्टी छोड़ भी जाते है तो एंटी डिफेक्शन लागू नहीं होगा. ऐसा करने से सुदीन ढवलीकर पर दबाव बना. इस चाल से सुदीन नितिन गडकरी से मिलने दौड़े दौड़े चले आए. रात करिब 10 बजे सुदीन सिडाडे गोवा पहुंचे. नितिन गड़करी से कुछ देर मुलाक़ात हुई, जिसके बाद गड़करी ने एमजीपी के दोनों विधायक बाबू आझगांवकर- दिपक पाउसकर, बीजेपी के सभी विधायक, गोवा फ़ॉरवर्ड के विजय सरदेसाई, तीन निर्दलिय विधायकों को मिलने बुलाया. रात करिब 11.30 बजे ये बैठक शुरु हुई और एक घंटे बाद नितिन गडकरी ने एलान कर दिया की राज्य में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है.
बीजेपी ने ऐसा करके गोवा फ़ॉरवर्ड पर भा दबाव बनाया साथ ही विजय सरदेसाई गुट के निर्दलीय विधायक प्रसाद गांवकर को संपर्क करके मिलने बुलाया. बीजेपी को सरकार बनानी थी और उनके सहियोगीयों को चुनाव नहीं कराने थे. ऐसे में बीजेपी ने दोनों को उप मुख्यमंत्री पद देकर महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे लिए और ये गठबंधन तय हुआ.
9 कैबिनेट मंत्रियों ने ली शपथ, दो बने डिप्टी सीएम
सीएम प्रमोद सावंत के अलावा राज्यपाल ने 9 कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई. इनमें एमजीपी के मनोहर अजगांवकर, बीजेपी के मौविन गोडिन्हो, विश्वजीत राणे, मिलिंद नाइक और निलेश कैबरल, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विनोद पल्येकर और जयेश सालगांवकर और निर्दलीय विधायक रोहन खैतान और गोविंद गावडे शामिल हैं. इनके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के सुदीन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजई सरदेसाई ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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