Kali Poster Row: काली पोस्टर विवाद मामला, कोर्ट ने फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ जारी किया नया समन
Delhi Tis Hazari Court: मां काली पोस्टर विवाद मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ नया समन जारी किया है. इस मामले में सुनवाई एक नवंबर को होगी.
Kali Poster Row: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट मे मंगलवार को फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) की डॉक्यूमेंट्री 'काली' के विवादास्पद पोस्टर (Kali Poster Row) के विवाद में नई याचिका दायर की गई है जिसपर कोर्ट एक नवंबर, 2022 को सुनवाई करेगी. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Delhi Tis Hazari Court) के सिविल जज अभिषेक कुमार ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करने को मंजूरी दी है जिसमें "याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसके द्वारा पिछली तारीख को आदेश 8 नियम 1 ए (3) सीपीसी के तहत दायर एक आवेदन निर्णय के लिए लंबित है. याचिका में कहा गया है कि ईमेल और व्हाट्सएप (E-Mail-Whatsapp) के माध्यम से प्रतिवादियों के आवेदन दिए गए हैं."
एक नवंबर को मामले की होगी सुनवाई
याचिका में मांग की गई है कि इस मामले में सभी तरह की प्रस्तुतियों के मद्देनजर, पीएफ दाखिल करने पर ईमेल के साथ-साथ व्हाट्सएप के माध्यम से सेवा सहित सभी तरीकों से नए सिरे से समन जारी किया जाता है, जो सुनवाई की अगली तारीख के लिए वापस किया जा सकता है.अदालत ने कहा कि एक नवंबर को प्रतिवादियों को समन की तामील और उपरोक्त आवेदन पर बहस के लिए पेश किया जाएगा.
अदालत ने इससे पहले कनाडा की फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई और अन्य को एक मुकदमे में समन जारी किया था, जिसमें मां काली के पोस्टर और वीडियो का विवादित चित्रण को रोकने के लिए याचिका में मांग की गई थी.
इससे पहले संबंधित सिविल जज ने कोर्ट की अंतरिम निषेधाज्ञा से राहत को विवेकाधीन राहत बताया था. इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी कहा गया है कि असाधारण परिस्थितियों में एकतरफा विज्ञापन के मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा दी जानी चाहिए. न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले प्रतिवादी की बात को भी सुना जाना चाहिए.
वकील ने कोर्ट में दिया है आवेदन
याचिकाकर्ता राज गौरव, एक प्रैक्टिसिंग एडवोकेट हैं, उन्होंने भी शनिवार को "इस मामले में अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए एक आवेदन दिया, जो ऐसे ट्वीट हैं जो सीधे वादी के मामले से संबंधित हैं और जो वादी के मामले की योग्यता को प्रभावित कर सकते हैं."
अधिवक्ता राज गौरव ने मुकदमा दायर किया और प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रतिवादियों ने अपनी आगामी फिल्म "काली" के पोस्टर और प्रोमो वीडियो में हिंदू देवी काली को बहुत ही अनुचित तरीके से चित्रित किया है.
मां काली के विवादित पोस्टर पर मचा था बवाल
उन्होंने कहा कि फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है, जो न केवल आम हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि नैतिकता और शालीनता की मूल बातों के भी खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि पोस्टर को लीना मणिमेकलाई ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था.
वादी ने प्रतिवादी को अस्थायी रूप से देवी काली का चित्रण करने से रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की, जिस तरह से उन्होंने उसे पोस्टर और वीडियो और ट्वीट में चित्रित किया है.
दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने लीना मणिमेकलाई के खिलाफ उनकी डॉक्यूमेंट्री के विवादित पोस्टर को लेकर केस दर्ज किया है. कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने अधिकारियों से आगा खान संग्रहालय, टोरंटो में प्रदर्शित "हिंदू देवताओं के अपमानजनक चित्रण" को वापस लेने का आग्रह किया था. डॉक्यूमेंट्री फिल्म के विवादास्पद पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामे के मद्देनजर यह अपील की गई है.
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