नई दिल्ली: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने के बाद विवाद बढ़ा तो भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली. लेकिन अब मोदी सरकार में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री अनंत कुमार हेगड़े इस विवाद में कूद गए हैं. अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि माफी मांगने की जरूरत नहीं है.


आज नाथूराम गोडसे अच्छा महसूस कर रहे होंगे- अनंत

अनंत कुमार हेगड़े ने ट्वीट करके कहा है, ‘’मैं खुश हूं कि करीब सात दशक के बाद आज की पीढ़ी नए बदलाव के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है. इस चर्चा को सुनकर आज नाथूराम गोडसे अच्छा महसूस कर रहे होंगे’. उन्होंने आगे लिखा, ‘’अब समय है कि आप मुखर हों और माफी मांगने से आगे बढ़ें, अब नहीं तो कब?’’



अनंत हेगड़े ने महिला एक्टिविस्ट के ट्वीट पर कही ये बात

बता दें कि अनंत हेगड़े ने ये ट्वीट मशहूर महिला एक्टिविस्ट मधु पूर्णिमा किश्वर के एक ट्वीट के जवाब में किया है. मधु पूर्णिमा किश्वर ने अपने ट्वीट में गोडसे का जिक्र करते हुए लिखा है, ‘’निश्चित रूप से उन्होंने गांधी की हत्या कर दी, लेकिन वह भागे नहीं. उन्होंने वीरता और साहस के साथ आत्मसमर्पण किया और मुकदमे का सामना किया. उन्होंने अपने पीछे एक शक्तिशाली वसीयतनामा छोड़ दिया कि उन्होंने गांधी की हत्या क्यों की. मैं हत्या का विरोध करती हूं, लेकिन देशभक्ति के अपने संस्करण पर दृढ़ रहकर और फांसी का सामना करने में गोडसे के साहस की प्रशंसा करती हूं.’’

क्या है पूरा विवाद?

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान एक सवाल के जवाब में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, ‘‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. गोडसे को आतंकी बोलने वाले खुद के गिरेबान में झांक कर देखें. अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को जवाब दे दिया जाएगा.’’ पत्रकार ने प्रज्ञा से सवाल किया था कुछ दिन पहले कमल हासन ने गोडसे को देश का पहला हिन्दू आतंकवादी कहा था, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली. बीजेपी ने भी साध्वी के इस बयान से किनारा कर लिया था.

कुछ दिन पहले मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक एवं मशहूर अभिनेता कमल हासन ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संदर्भ में विवादित बयान देते हुए कहा था कि ‘आजाद भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था.’ प्रज्ञा वर्ष 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है. इस सीट पर 12 मई को मतदान हो चुका है और अब वह पार्टी के अन्य प्रत्याशियों के लिए प्रदेश में प्रचार कर रही हैं.

यह भी पढ़ें-

गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने का मामला, साध्वी के बयान पर EC को वीडियो के साथ भेजी गई रिपोर्ट

बंगाल में 20 घंटे पहले थमा चुनाव प्रचार, बयानबाजी, वोटिंग-रोड शो में हिंसा के बाद बना राजनीति का केंद्रबिंदु

सूखे की चपेट में महाराष्ट्र, बुलढाणा में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं लोग

अखिलेश का मोदी पर तंज- 'विकास' पूछ रहा है कि बनाना था काशी को 'क्योटो', 5 साल में मिला सिर्फ टूटो-फूटो