भोपाल: भारी विरोध के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन ने 'गोडसे ज्ञानशाला' को बंद करा दिया है. आपको बता दें कि दौलतगंज में अखिल भारत हिंदू महासभा के दफ्तर पर गोडसे ज्ञानशाला शुरू की गई थी. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने महासभा के दफ्तर पर धारा-144 का नोटिस चस्पा कराने की कार्रवाई की. उसके बाद हिंदू महासभा के नेताओं को कार्यालय पर ताला लटकाना पड़ा.
ग्वालियर में 'गोडसे ज्ञानशाला' को प्रशासन ने कराया बंद
अखिल भारत हिंदू महासभा ने गोडसे की ज्ञानशाला शुरू कर प्रदेश की राजनीति को गरम कर दिया था. विवादास्पद आयोजन पर विपक्षी पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई. अपने बयान में कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने आयोजन पर रोक लगाने की मांग की. कार्यक्रम में शामिल हुए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ जयवीर भारद्वाज ने आयोजन का मकसद बताया था. उनका कहना था कि कार्यक्रम से युवाओं को भारत विभाजन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलेगी. उन्होंने ये भी कहा था का ज्ञानशाला में न सिर्फ नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की तस्वीर होगी बल्कि हिंदू राष्ट्रवादियों समेत जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी जगह दी जाएगी. नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के क्रांतिकारी विचारों के बारे में युवा नस्ल को बताया जाएगा.
गोडसे को महिमामंडित करने पर उठा था सवाल
आयोजन के दौरान महासभा के कार्यकर्ताओं ने गोडसे के चित्र पर पूजा अर्चना की थी. एबीपी न्यूज़ ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने की खबर दिखाई. ज्ञानशाला खोलने की खबर पर सवाल भी खड़े किए गए. मीडिया में किरकिरी होने के बाद जिला प्रशासन ने गोडसे ज्ञानशाला मामले का संज्ञान लिया. उसने नोटिस जारी कर आयोजन स्थल पर धारा-144 लागू कर दी. जिसके चलते गोडसे ज्ञानशाला को बंद करने का फैसला लेना पड़ा.
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