Gogamedi Murder Case: चार दिन, चार राज्य और फर्जी आई कार्ड, पढ़े- कैसे गोगामेड़ी के हत्यारे पुलिस को देते रहे चकमा
Gogamedi Murder Case: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल आरोपियों को चंडीगढ़ के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है. ये पहले दक्षिण भारत और वहां से विदेश भागने की फिराक में थे.
Gogamedi Murder Case Inside Story : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वारदात को अंजाम देने के बाद इन्होंने पुलिस से बचने के लिए शातिराना तरीके का इस्तेमाल किया, लेकिन ये डाल-डाल थे तो पुलिस पात-पात रही थी.
5 दिसंबर को वारदात को अंजाम देने के बाद 9 और 10 दिसंबर (शनिवार-रविवार) की दरमियानी रात पुलिस ने इन्हें चंडीगढ़ के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है. इन चार दिनों के दौरान इन्होंने सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए चार राज्यों के चक्कर काटे. जिस होटल में ये ठहरे थे वहां फर्जी आई कार्ड जमा किया लेकिन आखिरकार पुलिस ने इन्हें धर दबोचा है.
राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दबोचा
एजेंसियों ने चंडीगढ़ सेक्टर 22A में शराब ठेके के ऊपर बने होटल से इन्हें गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए दो आरोपी- रोहित राठौड़ और नितिन फौजी, हत्या के मुख्य गुनहगार हैं. तीसरे आरोपी की पहचान उधम सिंह के तौर पर हुई है, जिसने इन्हें भागने में गाड़ी और अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में इन तीनों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले शनिवार को जयपुर पुलिस ने शूटर्स की मदद करने वाले रामवीर को गिरफ्तार किया था. ये शूटर नितिन फौजी का दोस्त है.
पुलिस ने बताई साजिश की पूरी कहानी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने बताया कि 5 दिसंबर को जयपुर में गोगामेड़ी के घर पर 17 गोलियां मारकर हत्या करने के तुरंत बाद हमलावर फरार हो गए थे. दूसरी ओर उनकी पूरी कुंडली पुलिस को मिल गई थी और उनकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी.
यादव ने राजस्थान एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन द्वारा साझा किए गए इनपुट का हवाला देते हुए कहा, जयपुर से रोहित राठौड़ और नितिन फौजी एक टैक्सी में डीडवाना भाग गए और वहां से उन्होंने दिल्ली के लिए बस ली. उन्होंने बताया कि दोनों हरियाणा के धारूहेड़ा में उतरे और एक ऑटोरिक्शा लेकर रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से वे हिसार के लिए ट्रेन में सवार हुए. नितिन फौजी और रोहित राठौड़ 6 दिसंबर को हिसार रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए थे.
फर्जी आधार कार्ड से बुक किया होटल
फिर दोनों की मुलाकात उधम सिंह से हुई, जिन्होंने उन्हें पुलिस से छिपने में और मदद की. पुलिस के अनुसार, चार साल पहले उसी केंद्र में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण लेने के बाद नितिन फौजी सिंह से परिचित हो गया था. उधम की मदद से, दोनों ने हिमाचल प्रदेश के मनाली के लिए एक टैक्सी किराए पर ली, जहां वे एक या दो दिन रुके और बाद में 9 दिसंबर को चंडीगढ़ आ गए. तीनों ने चंडीगढ़ के होटल कमल पैलेस में कमरा बुक करने के लिए देवेंदर, जयवीर और सुखबीर के नाम से जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल किया.
हर जगह इनके पीछे लगी रही पुलिस
तीनों के ठिकाने के बारे में सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और राजस्थान पुलिस की एक टीम होटल पहुंची और शनिवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया है कि ये जहां-जहां से गुजरे वहां-वहां पुलिस दबोचने की कोशिश करती रही लेकिन आखिरकार चंडीगढ़ में कामयाबी मिली.
दिल्ली पुलिस रोहित और उधम को दिल्ली ले आई, जबकि नितिन फौजी राजस्थान पुलिस की हिरासत में रहा. अधिकारियों के मुताबिक रविवार को रोहित और उधम को भी जयपुर ले जाया गया.
साउथ इंडिया भागने की बनाई थी योजना
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों ने चंडीगढ़ से गोवा और फिर पुलिस छिपाने के लिए दक्षिण भारत भागने की योजना बनाई थी लेकिन धर दबोचे गए. अब इनसे पूछताछ कर उनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. पुलिस पूछताछ के दौरान, नितिन फौजी ने कबूल किया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या राजस्थान के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर और हथियार डीलर रोहित गोदारा और उसके करीबी वीरेंद्र चरण के निर्देश पर की गई थी.
नकली पासपोर्ट और कनाडा वीजा के लालच में की हत्या
फौजी ने बताया है कि गैंगस्टर्स ने उससे वादा किया था कि अगर वह गोगामेड़ी की हत्या में उनकी मदद करेगा तो वे उसके लिए एक नकली पासपोर्ट और कनाडाई वीजा की व्यवस्था करेंगे. नवंबर में हरियाणा पुलिस की एक टीम पर गोली चलाने के बाद फौजी पुलिस की वांटेड सूची में था. रोहित गोदारा, जो लॉरेंस-गोल्डी बरार गिरोह का करीबी सहयोगी है, ने एक फेसबुक पोस्ट में गोगामेड़ी की हत्या के तुरंत बाद उसकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
विदेश भागने वाले थे आरोपी
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि राठौड़ और फौजी ने देश से भागने की योजना बनाई थी और गोगामेड़ी को मारने के लिए कथित तौर पर प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये देने का लालच दिया था. उनसे यह भी कहा गया कि जब तक उन्हें वादे के मुताबिक पासपोर्ट और वीजा नहीं मिल जाता तब तक वे पुलिस को चकमा देने के लिए अंडरग्राउंड रहें. पुलिस के मुताबिक, रोहित राठौड़ का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और वह कुछ समय जेल में भी रह चुका है.
पंजाब पुलिस की इनपुट पर राजस्थान पुलिस ने नहीं दिया था ध्यान
आपको बता दें कि गोगामेड़ी की पत्नी ने आरोपियों के एनकाउंटर की मांग की है. यह भी पता चला है कि पंजाब पुलिस ने उनकी संभावित हत्या को लेकर राजस्थान पुलिस के साथ इनपुट साझा की थी लेकिन राज्य प्रशासन निष्क्रिय बना रहा. गोगामेड़ी को पहले भी इस तरह की धमकियां मिल चुकी थीं. उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस में तहरीर भी दी थी.
उनकी पत्नी जब भी मंदिर में पूजा करने जाती थीं तो निजी गनमैन उनकी सुरक्षा में रहते थे. फिल्म पद्मावत का विरोध कर सुर्खियों में आए गोगामेड़ी राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर के बाद और चर्चा में आए थे. उन्होंने आनंदपाल के एनकाउंटर का विरोध किया था और पुलिस पर अपराधियों से सांठगांठ के आरोप लगाए थे.