अरुणाचल में होने जा रहा गोल्डन पगोडा मैराथन 2025, इनाम के तौर पर दिए जाएंगे कुल 36 लाख
निनॉन्ग एरिंग ने कहा गोल्डन पैगोडा मैराथन कराने का मकसद अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना हैं. यही हमारा मकसद है लोगों को जागरूक करना है.
अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में गोल्डन पगोडा मैराथन 2025 का आयोजन किया जा रहा है. ये मैराथन 9 फरवरी 2025 को होगा और इसके लिए पुरस्कार की राशि का भी एलान किया गया है. कुल इनाम 36 लाख रुपये रखा गया है, जिसकी अलग-अलग कैटगरी है. फुल मैराथन के लिए 18 साल के ऊपर धावक योग्य होंगे और इसके लिए 42 किलोमीटर की लंबाई तय की गई है. इसे जीतने वाले को 2 लाख रुपये इनाम दिया जाएगा.
जबकि, हाफ मैराथन के लिए दूरी 21 किलोमीटर है और इसे जीतने वाले को डेढ़ लाख रुपये, स्टैंडर्ड रन के लिए 10 किलोमीटर की दूरी रखी गई है और इसे जीतने वाले को 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी. जबकि, फन रन कैटगरी में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं. इसके लिए 5 किलोमीटर की दूरी है और इनाम के तौर पर 20 हजार रुपये दिया जाएगा.
अरुणाचल प्रदेश सरकार की तरफ से आयोजित गोल्डन पगोडा मैराथन 2025 के पहले संस्करण की लॉन्चिंग और जर्सी अनवरण के मौके पर विधायक निनॉन्ग एरिंग ने कहा कि ये आयोजन केवल एक मैराथन तक सीमित नहीं होगा, बल्कि अरुणाचल प्रदेश के जनजातीय ज्ञान, अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों और पुरातन परंपराओं के लिए समर्पित एक जीवंत श्रद्धांजलि के रुप में काम करेगा. उन्होंने कहा कि पारंपरिक जनजातीय प्रस्तुतियों, स्थानीय व्यंजनों और पर्यावरण-जागरुक प्रथाओं को शामिल करके, ये आयोजन क्षेत्र की आत्मा को प्रतिबिंबित करने के लिए तैयार है.
निनॉन्ग एरिंग ने कहा गोल्डन पैगोडा मैराथन कराने का मकसद अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना हैं. यही हमारा मकसद है लोगों को जागरूक करना है. जैसे की युवा पीढ़ी को नशीले पदार्थ से मुक्त करना है. यह पहली बार अरुणाचल प्रदेश में आयोजन करा रहे हैं. मैराथन में केन्या को निमंत्रण दिया है. इसके साथ ही, साउथ ईस्ट नेशन को भी निमंत्रण देंगे. म्यांमार, जापान, वियतनाम, कोरिया को बुलाया जाएगा.
जबकि, इस मौके पर आईएएस, खेल और युवा मामलों के सचिव अबू तायेंग ने कहा कि नामसाई मैराथन 2025 अरुणाचल प्रदेश की भावना का सच्चा प्रतिनिधित्व हैं. यह रोमांच, संस्कृति और स्थिरता को एक साथ जोड़ता है, प्रतिभागियों को एक ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो हमारे प्रदेश की भूमि के लोकाचार के साथ गहराई से जुड़ा है. ये पहल निश्चित रुप से नामसाई को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करेगी.