Beating Retreat: सेरेमनी में सुनाई देगी ‘स्वर्णिम विजय’ थीम, कोरोना के कारण 5 हजार लोग ही होंगे शामिल
गणतंत्र दिवस की परेड के बाद बीटिंग रिट्रीट का आयोजन शुक्रवार शाम को किया जाएगा. इस दौरान ‘स्वर्णिम विजय’ थीम से कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. कोरोना प्रोटोकॉल के कारण इस बार 5 हजार लोग ही कार्यक्रम में शामिल होंगे.
नई दिल्लीः इस साल गणतंत्र दिवस की बीटिंग-रिट्रीट सेरेमनी बेहद खास होने वाली है. इस बार बीटिंग-रिट्रीट सेरेमनी की शुरूआत 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर मिली जीत के लिए तैयार की गई खास धुन से होगी. जिसे ‘स्वर्णिम विजय’ थीम नाम दिया गया है.
ये खास धुन पाकिस्तान पर मिली विजय के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में तैयार की गई है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति सहित शीर्ष सैन्य नेतृत्व की मौजूदगी में राजधानी दिल्ली में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से 72वें गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति हो जाएगी. इस साल बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में भारतीय-धुन ज्यादा सुनाई पड़ेगी.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में गूंजेगी 26 तरह की धुन
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस साल बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में थलसेना, वायुसेना और नौसेना सहित केंद्रीय पुलिसबलों के मिलिट्री-बैंड हिस्सा लेंगे. कुल 26 तरह की धुन इस बार राजधानी दिल्ली की रायसीना हिल स्थित विजय चौक पर सुनने को मिलेंगी. इन धुनों में स्वर्णिम विजय थीम के अलावा चांदनी, क्विन ऑफ हिल, साथी भाई, इंडिया गेट, तिरंगा-सेनानी, निडर-योद्धा, वायुशक्ति, स्काई-वार, और एबाइड-विद-मी शामिल हैं. सारे जहां से अच्छा की धुन से कार्यक्रम की समाप्ति होगी.
रखा जाएगा कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान
गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही इस साल बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में भी कोविड प्रोटोकॉल का खास ध्यान रखा जाएगा. इस बार मात्र 5 हजार लोगों को ही कार्यक्रम में आने की इजाजत है. हर साल ये संख्या 25 हजार तक पहुंच जाती थी. इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और अराजकता के मद्देनजर रायसीना हिल और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे.
इस साल कुल 15 मिलिट्री-बैंड और 15 पाइप एंड ड्रम बैंड हिस्सा ले रहे हैं. इनमें सेना की अलग-अलग रेजीमेंट्स, वायुसेना, नौसेना और केंद्रीय पुलिसबल शामिल हैं.
प्राचीन काल से चली आ रही बीटिंग रिट्रीट समारोह परंपरा
बीटिंग रिट्रीट समारोह प्राचीन काल से चली आ रही उस परंपरा का हिस्सा है, जब युद्ध के मैदान में सेनाएं दिन ढलने के बाद सैन्य-धुन पर अपने-अपने बैरक में लौट जाती थी और झंडे को उतार दिया जाता था. इसलिए गणतंत्र दिवस के दौरान जब सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां, हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान गणतंत्र दिवस समारोह के बाद बैरक में लौटती हैं तो तीन दिन बाद यानि 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.
शुक्रवार को बीटिंग रिट्रीट समारोह के तुरंत बाद रायसीना हिल स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ-साऊथ ब्लॉक सहित सभी केंद्रीय इमारतें विशेष लाइट से जगमगा उठेंगी.
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