अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी, कई ठेकेदारों के घर और दफ्तर खंगाले
जांच में पता चला कि रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों ने कई ब्लैकलिस्ट कंपनियों को काम बांट दिया. यही नहीं, विदेशों से अनावश्यक रूप से महंगा सामान खरीदा.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर सीबीआई ने तीन राज्यों में कुल 42 जगहों पर छापेमारी की है. कार्रवाई की जद में सिंचाई विभाग के तत्कालीन इंजीनियरों के अलावा ठेकेदारों को भी लाया गया. सोमवार को सुबह शुरू हुई छापेमारी मंगलवार शाम तक चलती रही.
पूर्ववर्ती सपा सरकार में साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर लखनऊ में गोमती नदी के किनारे 1500 करोड़ रुपये के करीब की लागत का गोमती रिवर फ्रंट बनाने का काम शुरू किया था. बाद में जब यूपी में योगी सरकार आई तो रिवर फ्रंट के ठेकों के आवंटन में घपले की जांच शुरू कराई. जांच में पता चला कि रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था.
ब्लैकलिस्ट कंपनियों को बांटा काम
जांच में पता चला कि रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों ने कई ब्लैकलिस्ट कंपनियों को काम बांट दिया. यही नहीं, विदेशों से अनावश्यक रूप से महंगा सामान खरीदा. साथ ही नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का भी आरोप है. इस सिलसिले में पूर्व में भी सीबीआई ने एक एफआईआर दर्ज की थी. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई की थी.
एफआईआर दर्ज
इसी कड़ी में बीते शुक्रवार को सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने इस संबंध में करीब सौ पेज की एक एफआईआर दर्ज की, जिसमें 189 लोगों को नामजद किया गया. जिन लोगों की नामजदगी हुई उनमें सिंचाई विभाग के सोलह तत्कालीन अफसर भी शामिल हैं, जिन पर मिलीभगत करके ठेके जारी करने के आरोप हैं. इसी संबंध में सोमवार को सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के साथ ही कोलकाता और अलवर (राजस्थान) में कुल मिलाकर 42 स्थानों पर छापा मारा.
कई जगहों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के साथ गाजियाबाद, बरेली, गौतमबुद्धनगर, सीतापुर, बुलंदशहर, आगरा, रायबरेली, इटावा में कार्रवाई की गई. सभी जगहों पर टीमों ने घपले से जुड़े दस्तावेज खंगाले ही नहीं बल्कि उन्हें जब्त भी किए हैं. कुछ नकदी और मोबाइल भी कार्रवाई के दौरान सीज किए गए हैं. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जब्त दस्तावेज की जांच के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा. खबर यह भी है कि जांच की आंच बड़े अफसरों और नेताओं तक भो पहुंच सकती है.
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