Good Governance Day: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं, स्वराज को सुराज में बदला
Good Governance Day 2021: अमित शाह ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से बेहतर वैक्सीनेशन है. अस्पतालों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया.
Amit Shah on Good Governance Day: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है और योजनाओं का फायदा आम लोगों को मिल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित ‘सुशासन दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है. इसके साथ ही, गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वराज को सुराज में बदला.
अमित शाह ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से बेहतर वैक्सीनेशन है. अस्पतालों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया. 130 करोड़ लोगों का टीकाकरण बड़ा काम है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ सुरक्षा चक्र तैयार किया गया है. मोदी सरकार में अब देश बदल रहा है. इसके साथ ही, योजनाओं को पूरा करना अब सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं सिर्फ कागजों पर रह जाती थी. लेकिन अब लोगों को सस्ती दवाईयां मिल रही हैं.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अटल आधुनिक भारत में सुशासन को सही अर्थ में जमीन पर उतारने का काम किया. 70 साल में हमारे लोकतांत्रिक सिस्टम से लोगों का भरोसा उठता जा रहा था क्योंकि लोकतंत्र के सुफल तभी लोगों तक पहुंचते हैं जब स्वराज को सुराज में परिवर्तित करें. नरेंद्र मोदी ने लोगों की स्वराज को सुराज में बदलने की अपेक्षा को जमीन पर उतारने का काम किया.
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को घर दिए, हर घर में बिजली और शौचालय पहुंचाने का काम समाप्त हो चुका है. 2014 से पहले इस देश मे 60 करोड़ लोग ऐसे थे, जिनके परिवार में एक भी बैंक एकाउंट नहीं था, उसके घर में बिजली नहीं थी, किसी के पास घर ही नहीं था. 10 करोड़ से ज्यादा परिवार ऐसे थे जिनके पास शौचालय ही नहीं था. मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए नीतियां और कार्यक्रम ऐसे बनाये गए, जिससे पूरी की पूरी समस्या जड़ से उखड़ जाए. टेक्नोलॉजी का उपयोग और नीतियों के निर्धारण और प्रशासन में टेक्नोलॉजी के उपयोग के माध्यम से ही सुशासन आ सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन नियमों से चले, परंतु मेरी भूमिका क्या है और मेरे विभाग का क्या योगदान है, इतना फर्क अगर हम समझ लेंगे तो मुझे लगता है कि बहुत सारी समस्याओं को वहीं पर निपटा सकते हैं.