क्रोनिक पेन के करोड़ों मरीजों के लिए खुशखबरी, इलाज ढूंढने के लिए सरकार बना रही मैप
क्रोनिक पेन के करोड़ों मरीजों के लिए सरकार ने इस दर्द का इलाज तलाशना शुरू कर दिया है. देश में क्रोनिक पेन व्यवस्थाओं के बारे में जानने के लिए एक मैप को तैयार किया जा रहा है
क्रोनिक पेन के करोड़ों मरीजों के लिए बेहद ही खुशी की खबर देखने को मिल रही है. सरकार ने बेहद अहम कदम उठाते हुए इस दर्द का इलाज तलाशना शुरू कर दिया है. बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने जानकारी देते हुए कहा कि, देश में क्रोनिक पेन व्यवस्थाओं के बारे में जानने के लिए एक मैप को तैयार किया जा रहा है.
डीबीटी के मुताबिक, इस मैप के आधार पर और देशों की पॉलिसी से तुलना करते हुए भारत क्रोनिक पेन चिकित्सा के क्षेत्र में नए निर्देश लागू करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में अन्य बीमारियों के साथ क्रोनिक पेन के करोड़ों मरीज हैं. जानकार बताते हैं कि, इस दर्द से जूझ रहे मरीजों का इस वक्त कोई इलाज नहीं है. इन मरीजों को दर्द निरोधक दवाओं का सहारा लेना पड़ता है. इन दवाओं में ओपिओइड्स/ मॉर्फिन दवाओं का इस्तेमाल बेहद हो रहा है जिसकी लत मरीजों को लग चुकी है.
तीन कैटिग्री में बांटा गया दर्द
जानकार बताते हैं कि इस क्रोनिक पेन के मरीजों में दर्द के तीन बड़े रूप मिले हैं. उनके इस दर्द के रूप के आधार पर इसे तीन कैटिग्री में बांटा गया है. पहला नॉनसिसेप्टिव, दूसरा न्यूरोपैथिक और तीसरा नोसिप्लास्टिक. नॉनसिसेप्टिव को गठिया के रूप में जाना जाता है. न्यूरोपैथिक दर्द किसी बीमारी के चलते होता है. वहीं, नोसिप्लास्टिक दर्द चोट या किसी बीमारी के बढ़ने से होती है.
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