नई दिल्ली: अब अगर आप बाज़ार से कोई ऐसा सामान लाने जाएं, जिसपर आईएसआई ( ISI ) या हॉलमार्क का निशान लगा हो तो आप ये तुरन्त जान पाएंगे कि वो सामान असली या या नहीं. भारतीय मानक ब्यूरो यानी BIS ने ये पता लगाने के लिए एक मोबाइल एप लॉन्च किया है.


'BIS CARE' नाम है मोबाइल एप का
भारतीय मानक ब्यूरो ने आज BIS CARE नाम का एक मोबाइल एप लॉन्च किया. ये एप ग्राहकों को असली और नकली सामान में फ़र्क़ करने में मदद करेगा. उदाहरण के लिए, अगर आप बाज़ार से पंखा या कोई अन्य सामान ख़रीदने जाएं तो उसपर आईएसआई का निशान लगा रहता है. अगर आपको शंका होती है कि पंखा उस ब्रांड का नहीं लग रहा, जिसका नाम उसपर लिखा है तो आप इस BIS CARE नाम के एप पर आईएसआई निशान का नम्बर लिख कर ब्रांड और उस कम्पनी की पूरी जानकारी एप पर देख सकते हैं. नम्बर लिखते ही मालिक समेत उस ब्रांड और कम्पनी की पूरी जानकारी आपके मोबाइल एप पर सामने आ जाएगी.


एप बताएगा, सोना खरा है या नहीं
इसी एप से सोने की प्रामाणिकता भी परखी जा सकेगी. सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने का फ़ैसला हो चुका है जो, अगले साल 1 जनवरी से लागू हो जाएगा. सोने के हॉलमार्किंग के नम्बर को भी इसी मोबाइल एप पर डालकर ये देखा जा सकेगा कि सोना असली या नहीं. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने एप लांच करते हुए कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाएं हैं और उपभोक्ताओं को इनका इस्तेमाल कर अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए.


एप पर शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे
एप की एक और विशेषता ये है कि अगर आपको सामान नक़ली दिखता है तो तुरन्त उसी वक़्त इस एप से अपनी शिकायत भी दर्ज़ करा सकेंगे. मोबाइल एप को किसी भी एंड्रायड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है. एप फ़िलहाल हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगा और इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.


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