नई दिल्ली: इस साल ( 2019 -20 ) देश में ख़रीफ़ फ़सलों का उत्पादन 14 करोड़ टन से ज्यादा होने की उम्मीद है. ये पिछले पांच सालों के औसत उत्पादन से क़रीब 80 लाख टन ज्यादा है. अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत के बीच सरकार के लिए ये राहत की ख़बर है क्योंकि इस साल मॉनसून के अनियमित होने से शुरू में ख़रीफ़ फ़सलों ख़ासकर धान की रोपाई संतोषजनक नहीं हो पाई थी.


कम नहीं होगा धान का उत्पादन
2019 - 20 के दौरान ख़रीफ़ फ़सलों के लिए जारी पहले अग्रिम अनुमान में मोदी सरकार के लिए ये अच्छी ख़बर आई है. सरकार के लिए सबसे सुकुन देने वाली बात ये है कि इस साल धान ( चावल ) का उत्पादन कम होने की उम्मीद नहीं है. अनुमान के मुताबिक़ इस साल धान का उत्पादन 10.03 करोड़ टन हो सकता है. पिछले साल ( 2018 -19 ) के पहले अग्रिम अनुमान में 9.9 करोड़ टन धान के उत्पादन की उम्मीद जतायी गई थी जबकि वास्तविक उत्पादन 10.21 करोड़ टन हुआ था. सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ इस बार भी धान का वास्तविक उत्पादन अनुमान से ज्यादा होने की संभावना है.


अन्य फ़सलों का भी संतोषजनक उत्पादन होने की संभावना
अन्य ख़रीफ़ फ़लों का उत्पादन भी पिछले साल के आसपास ही रहने की संभावना है. इनमें सबसे प्रमुख है दालों का उत्पादन. तूर दाल ( अरहर ) का उत्पादन इस साल 35.40 लाख टन होने की संभावना है. हालांकि पिछले साल इसका उत्पादन 35.90 लाख टन दर्ज़ किया गया था. वहीं दालों का कुल उत्पादन 82.3 लाख टन होने की संभावना है. ख़रीफ़ फ़सल वैसी फ़सलें होती हैं जिनकी बुआई मॉनसून के दौरान की जाती है. इनमें धान के अलावा दाल, सोयाबीन , कपास और मुंगफली जैसी फ़सलें प्रमुख हैं.


अनुमान से 4 प्रतिशत ज़्यादा हुई है बारिश
सरकार के लिए एक और राहत की बात ये आई है कि इस साल मॉनसून के दौरान बारिश शुरूआती अनुमान से ज़्यादा दर्ज़ की गई है. इस साल दक्षिण पूर्व मॉनसून के दौरान अबतक अनुमान से 4 % ज़्यादा बारिश हुई है. शुरूआत में इस तरह की ख़बरें आ रही थी कि महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश , कर्नाटक और राजस्थान जैसे देश के कई इलाक़ों में काफ़ी कम बारिश हो रही हैं.


इसके बाद फ़सलों की बुआई और पीने के पानी को लेकर भी संकट के बादल छा गए थे. इस साल ख़रीफ़ फ़सलों का उत्पादन 14.05 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि ये आंकड़ा लक्ष्य से अभी थोड़ा कम है क्योंकि इस साल ख़रीफ़ के उत्पादन का लक्ष्य कुल 14.7 करोड़ टन रखा गया है. पिछले साल ( 2018-19 ) के दौरान ख़रीफ़ का उत्पादन 14.17 करोड़ टन हुआ था.