मुंबई: आरबीआई द्वारा यस बैंक के खाताधारकों पर एक महीने में 50 हजार निकालने की सीमा तय करने के बाद से ही बैंक के ग्राहक परेशान हैं. इन खाताधारकों को अपनी मेहनत की कमाई और जमापूंजी की चिंता सता रही है, लेकिन इस बीच एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने यस बैंक के कर्मचारियों और ग्राहकों को राहत भरी खबर सुनाई है.
एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया की यस बैंक के हालात से सभी वाकिफ हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिकंस्ट्रक्शन ड्राफ्ट स्कीम पब्लिक डोमेन में है, जिसमें हमारी निवेश टीम और लीगल टीम काम कर रही है. एसबीआई बोर्ड ने यस बैंक में 49% स्टेक लेने के लिए अपनी सहमति जताई है. उन्होंने बताया कि एसबीआई शुरुआत में 26% हिस्सेदारी लेगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादा हिस्सेदारी के लिए अन्य निवेशकों से बात चल रही है. उन्हें भी अपने साथ लेकर निवेश करेंगे. पहले चरण में 2450 करोड़ का निवेश किया जाएगा. 9 मार्च को अपनी भूमिका के बारे में आरबीआई को जवाब देंगे.
एसबीआई के चेयरमैन ने यस बैंक के खाताधारकों को संदेश देते हुए कहा, "घबराने के जरूरत नहीं है. यस बैंक खाताधारकों का पैसा सुरक्षित है. यस बैंक के डिपॉजिटर को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त सचिव, आरबीआई सभी ने आश्वसन दिया है वो सही आश्वासन है. यस बैंक के ग्राहकों के पैसे को कोई नुकसान नहीं है. कुछ दिनों की बात है खाताधारकों का संकट दूर हो जाएगा."
एबीपी न्यूज़ ने जब एसबीआई चेयरमैन से पूछा कि खस्ताहालत में चल रहे यस बैंक जिसपर कानूनी गाज भी गिर रही है उसमें एसबीआई क्यों रुचि ले रहा है. इस सवाल पर रजनीश कुमार ने कहा, "किसी भी देश मे बैंक का फेल होना डिपॉजिटर्स को और इकॉनमी को खतरे में डाल देता है. ऐसे में उसे संभालना जरूरी है और हमें भी उम्मीद है कि हम जो इनवेस्टमेंट कर रहे हैं उससे हमारी उम्मीदें भी तीन से पांच साल में पूरी हो जाएंगी."
एसबीआई राष्ट्रीय संस्था है और राष्ट्र निर्माण में मददगार है. यस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी का समर्थन करते हुए एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि आरबीआई इस तरह की पाबंदी खाताधारकों के हित में लगाता है.
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