नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद से लोग 2-2 हजार के लिए एटीएम की लाइन में लगे हैं. कई लोग खुशनसीब हैं जिन्हें 2 हजार रुपये के नोट मिल रहे हैं, जबकि कईयों के हाथ खाली रह जा रहे हैं. लोग कम पैसों में ही खर्च चला रहे हैं. लोगों के कम खर्चने से सब्जी, दूध और फलो की डिमांड कम हो गई है.


डिमांड में कमी अब महंगाई के आंकड़ों पर भी असर दिखा रही है. महंगाई दर आंकड़ों में घट गई है. थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई दर में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है.


नवंबर में थोक मल्यों पर आधारित महंगाई दर 3.15 फीसद रही, जो अक्टूबर में 3.39 फीसद थी. खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में भी गिरावट है. खुदरा महंगाई दर डेढ़ साल के निचले स्तर पर आ चुकी है. नवंबर में खुदरा महंगाई दर 3.63 फीसदी रही जो अक्टूबर में 4.20 फीसदी थी.


नोटबंदी में हर किसी के सामने कैश की किल्लत है. कैश की किल्लत के बीच आपके किचन में मौजूद कौन-कौन से सामान सस्ते हुए हैं. आपके लिए ये जानना जरुरी है.


एक महीने पहले अरहर की दाल 135 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही थी, जो अब गिरकर 90 से 95 रुपये प्रति किलो हो गई है. यानी अरहर के दाम में गिरावट करीब 30 फीसदी की है.


चना दाल के दाम में भी 30-40 रुपये की गिरावट आई है. मूंग की दाल 120 रुपये से गिरकर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.  उड़द दाल अब 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है जो पहले 180 रुपए की दर से बिक रही थी


आपके किचन में मौजूद चीनी ने आपकी चाय की स्वाद को बढ़ा दिया होगा. एक किलो चीनी जो 42 रुपये प्रति किलो थी वो अब गिरकर 38 रुपये तक पहुंच गई है. इसमें करीब 10 फीसदी तक की गिरावट आई है.


दाल और चीनी की कीमतों से चेहरे पर खुशी है तो आटे की महंगाई ने थोड़ा मायूस जरूर कर दिया है. गेहूं की कीमत बढ़ने से आटे पर महंगाई की मार पड़ी है.


खुले में मिलने वाला एक किलो आटे अब 20 रुपये की बजाए 25 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. सवाल है कि क्या 31 दिसंबर के बाद भी महंगाई के हालत जनता को सुकून देने वाले होंगे या फिर वापस महंगाई का ग्राफ बढ़ेगा.