Google Case Hearing in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को गूगल के एंड्रॉयड मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल की ओर से एंड्रायड मामले में कई बाजारों में अपने दबदबे की स्थिति के कथित दुरुपयोग का मुद्दा ‘राष्ट्रीय महत्व’ का है और दुनिया यह देख रही है कि भारत इस मामले से कैसे निपटता है.


मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ से सीसीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने कहा कि शीर्ष अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए और गूगल को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में ‘दो इनिंग्स’ नहीं दी जानी चाहिए.


दो पारियां देने के पक्ष में नहीं है सरकार


इससे पहले, पीठ ने शुरू में कहा था कि वह मामले को अपीलीय न्यायाधिकरण में भेजने पर गौर कर रही है. गूगल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि वह अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के सुझाव से सहमत हैं. दोनों पक्ष चाहते हैं कि न्यायालय ही इस मामले की सुनवाई करे और इसका निपटान करे. पीठ ने इस पर कहा कि वह इस बात पर सहमत है कि किसी के लिये भी दो पारियां नहीं हो सकती हैं और न्यायालय गुरुवार को इस पर सुनवाई करेगा.


ऐसे समझें पूरा खेल


एंड्रॉयड एक लोकप्रिय ‘ओपन सोर्स’ मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसका उपयोग स्मार्टफोन और टैबलेट के मूल उपकरण विनिर्माता करते हैं. ‘ओपन सोर्स’ का मतलब है कि कोई भी किसी भी तरह का उपकरण बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकता है.


गूगगल की याचिका पर सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट अमेरिकी कंपनी गूगल की याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई है. आदेश में प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से बाजार में मजबूत स्थिति का कथित दुरुपयोग को लेकर लगाए गए 1337 करोड़ रुपये के जुर्माने पर कोई अंतरिम राहत देने से मना कर दिया गया था.


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