Google Doodle: पैरालंपिक खेलों के संस्थापक गुट्टमन के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल के जरिए दिया ट्रिब्यूट
गूगल आज पैरालंपिक खेलों के संस्थापक सर लुडवविग गुट्टमन का डूडल के जरिए जन्मदिन मना रहा है. 112वें जन्मदिन पर गूगल ने उन्हें याद कर एक खास डूडल तैयार किया.
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नई दिल्ली: गूगल आज डूडल के जरिए पैरालंपिक खेलों के संस्थापक सर लुडवविग गुट्टमन का जन्मदिन मना रहा है. गुट्टमन के 112वें जन्मदिन पर गूगल ने उन्हें याद कर एक खास डूडल तैयार किया है.
बता दें, आज के इस खास डूडल को बाल्टीमोर में रहने वाले गेस्ट आर्टिस्ट आशाति फोर्टसन ने बेहद शानदार तरीके से डिजाइन किया है. आप अगर ध्यान से देखें तो गुट्टमन के चारों ओर पैरालंपिक खेलों के कई शॉट्स को दिखाया गया है.
लुडविग गुट्टमन एक खास न्यूरोलॉजिस्ट साबित हुए
आपको बताते चले, लुडविग गुट्टमन का जन्म आज के दिन यानि, 3 जुलाई 1899 को पोलैंड में हुआ था. वो अपने जीवन में एक खास न्यूरोलॉजिस्ट साबित हुए थे. रीढ़ की हड्डी की चोटों और न्यूरोसर्जिकल वर्क प्रोसीजर्स पर किए रिसर्च ने उन्हें जर्मनी का सबसे बड़ा न्यूरोलॉजिस्ट बना दिया था.
बता दें, जर्मनी में यहूदी होना एक अभिशाप से कम नहीं था. सन्न 1933 में देश में मेडिकल की प्रैक्टिस करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया दिया गया था ऐसे में उन्होंने अपना जीवन दांव पर लगाकर पौलैंड से भागर सन्न 1939 में इंग्लैंड में अपना घर बनाया.
व्हीलचेयर पर चलने वाले मरीजों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया
गुट्टमन ने मरीजों की पैरापलेजिया नाम की स्थिति पर गहरी रीसर्च की जिसके बाद उन्होंने सन्न 1948 में व्हीलचेयर पर चलने वाले मरीजों के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया. जिसे अब पैरालिंपिक खेलों के रूप में देखा और जाना जाता है. आपको बता दें, पैरालिंपिक खेलों को उस दौरान स्टोक मैंडविल गेम्स के नाम से जाना जाता था.
जानकारी के मुताबिक, सन्न 1960 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय तौर पर पैरालंपिक खेलो की शुरुआत हुई. इसका खेल का मकसद ये था कि दिव्यांग समुदाय लोग अपनी प्रतिभा को जनता के सामने दिखा सके और उनको ये मंच देने के लिए एक बड़ा योगदान साबित हुआ.
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