(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तबले की थाप से दुनिया को जीतने वाले मशहूर तबला वादक लच्छू महाराज को गूगल ने ऐसे किया याद
गूगल ने देश के मशहूर तबला वादक रहे लच्छू महाराज को डूडल बनाकर याद किया है. लच्छू महाराज देश ही नहीं विदेश में भी तबला वादन के लिए मशहूर थे. वह यूपी के बनारस के रहने वाले थे.
Google Doodle: देश के महान तबला वादक लच्छू महाराज की 16 अक्टूबर यानी आज जयंती है. इस अवसर पर गूगल ने उन्हें याद किया है. गूगल ने उनकी याद में एक बेहतरीन डूडल बनाया है. डूडल में लच्छू महाराज अपने अंदाज में तबला बजाते दिख रहे हैं.
लच्छू महाराज का असली नाम लक्ष्मी नारायण सिंह था. उत्तर प्रदेश के बनारस के रहने वाले लच्छू महाराज का जन्म 16 अक्टूबर, 1944 को हुआ था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा बनारस में ही हुई. तबला वादन में वो इतने मेधावी थे कि महज 8 साल की आयु में उन्होंने अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस दे दिया था.
इन्होंने तबला वादन की दुनिया में खूब नाम कमाया. इनके तबले की थाप ऐसी होती थी जैसे मानो तबले से इंसान के गले की आवाज निकल रही हो. तबला वादन में वो देश ही नहीं, विदेशों में भी काफी चर्चित थे.
लच्छू महाराज के पिता का नाम वासुदेव महाराज था. ये कुल 12 भाई-बहन थे. 72 साल की उम्र में 27 जुलाई 2016 को हार्ट अटैक से लच्छू महाराज का निधन हो गया था. उनके अपने शहर बनारस के मनिकर्णिका घाट पर ही उनका अंतिम संस्कार किया गया था. दुनिया के अनेक देशों में तबला बजाने के अलावा उन्होंने बॉलीवुड की महल, मुगल-ए-आजम, छोटी छोटी बातें और पाकीजा जैसी फिल्मों में भी काम किया है.
लच्छू महाराज को 1957 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इमरजेंसी के दौरान उन्होंने पद्मश्री अवॉर्ड यह कह कर लेने से मना कर दिया था कि उनके लिए दर्शकों का प्यार ही सारे सम्मान से बढ़कर है.
लच्छू महाराज के बारे में एक चीज कही जाती है कि वो कभी किसी के फरमाइश पर तबला नहीं बजाते थे. वो सिर्फ अपने मन से तबला बजाते थे और ऐसा बजाते थे कि सुनने वाले संगीत की दुनिय में खो जाते थे. उन्होंने फ्रेंच महिला से शादी की थी.
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