Gopichand Narang Death: उर्दू के मशहूर साहित्यकार गोपीचंद नारंग का निधन, अमेरिका में ली अंतिम सांस
Gopichand Narang Death: गोपीचंद नारंग को उनके उर्दू साहित्य के लिए पहचान मिली थी, लेकिन उन्होंने उर्दू के अलावा कई और भाषाओं में भी महारथ हासिल की थी.
Gopichand Narang Death: मशहूर साहित्यकार गोपीचंद नारंग का निधन हो गया है. बताया गया है कि पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी. जिसके बाद अमेरिका में उन्होंने अंतिम सांस ली. नारंग को उर्दू साहित्य के लिए देश और दुनियाभर में जाना जाता है. इसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण भी दिया जा चुका है. उर्दू के अलावा गोपीचंद नारंग ने कई और भाषाओं में भी अपनी किताबें लिखी हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से की थी पढ़ाई
गोपीचंद नारंग 91 साल के थे और अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में रह रहे थे. उनके निधन की जानकारी उनके बेटे की तरफ से दी गई. गोपीचंद नारंग ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी. जिसके बाद वो प्रोफेसर भी रहे. अपने साहित्य के इस सफर में नारंग को कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया. उनके निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों ने उन्हें याद किया. नारंग अपने चाहने वालों के दिलों में एक खास जगह रखते थे.
गोपीचंद नारंग का जन्म 1931 में बलूचिस्तान में हुआ था. गोपीचंद ने करीब 57 किताबें लिखी हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा की किताबें शामिल हैं. जदीदियत, मसायल, इकबाल का फन, अमीर खुसरो का हिंदवी कलाम और उर्दू अफसाना रवायत जैसी शानदार रचनाओं के लिए उन्हें याद किया जाता है.