गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में बच्चा विभाग के प्रमुख डॉक्टर कफील खान को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया गया है. दस और ग्यारह अगस्त को ऑक्सीजन की कमी की वजह से अस्पताल में छत्तीस बच्चों की मौत हो गई थी. उस दौरान कफील खान ने काफी तारीफें बटोरी थी लेकिन बाद में उन्हें एनआईसीयू प्रमुख के पद से हटा दिया गया था.
यूपी पुलिस की एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने खान को पकडे़ जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें सुबह नौ बजे पकड़ा गया और अब उन्हें गोरखपुर पुलिस के हवाले किया जा रहा है. इससे पहले एसटीएफ ने 29 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे राजीव मिश्र और उनकी पत्नी को पकड़ा था.
मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले में दर्ज एफआईआर में मिश्र और उनकी डॉक्टर पत्नी पूर्णिमा शुक्ल का नाम भी शामिल है. दोनों को कानपुर में पकड़ा गया, जहां दोनों कथित रूप से किसी वकील से सलाह मशविरा करने गये थे.
उधर, अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद सिंह ने एफआईआर में नामित नौ में से सात लोगों के खिलाफ कल गैर जामानती वारंट जारी किया था. इससे एक दिन पहले ही राजीव और पूर्णिमा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
डॉक्टर कफील पर कार्रवाई इसलिए की गई थी, क्योंकि वो सरकारी डॉक्टर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे. जबकि वो सरकारी नौकरी ज्वाइन करते वक्त प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का हलफनामा दे चुके थे.
कफील अहमद की पत्नी डॉक्टर शबिस्ता खान गोरखपुर में MEDISPRING CHILDREN HOSPITAL चलाती हैं. आरोप हैं कि डॉ कफील सरकारी अस्पताल की नौकरी करते हुए भी अपनी पत्नी के अस्पताल से पूरी तरह जुड़े रहे और वहां प्रैक्टिस करते रहे.
डॉ. कफील खान के सुर्खियों में आने के बाद उनके खिलाफ 2015 में लगे एक रेप के आरोप की चर्चा भी शुरू हो गई थी. इस मामले में केस भी दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट में आरोप को झूठा बता कर खारिज कर दिया था.