गोरखपुर: बीजेपी ने गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला को लोकसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है. शुक्ला की संगठन और कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है. पूर्वांचल में उनकी पहचान ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती हैं. योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट खाली हुई थी जिस पर अब उपेंद्र दत्त शुक्ला चुनाव लड़ेंगे.
शुक्ला गोरखपुर से राज्यसभा सांसद और वर्तमान में केंद्र में मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के बेहद करीबी बताए जाते है. बता दें कि बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला काफी लंबे समय से पार्टी और जनता के बीच सक्रिय हैं. लेकिन अब तक उन्हे एक जनप्रतिनिधि के तौर पर जीवन व्यतीत करने का मौका नहीं मिल पाया है. हालांकि एक दो बार वह कौड़ीराम विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य भी आजमाया लेकिन पार्टी का टिकट नहीं मिल पाया. उनकी जगह किसी और को पार्टी का सिम्बल मिल गया था.
ये भी सही है कि जब जब उन्होंने सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्रों में अपना भाग्य आजमाया तब तब वह अपने विरोधियों पर काफी भारी पड़े थे. पिछले विधानसभा चुनावों में सहजनवां से उनके नाम की चर्चा चल रही थी, कि वर्तमान विधायक शीतल पांडेय के नाम पर आम सहमति बनते ही कहानी खत्म हो गयी. इसके बावजूद वह बीजेपी के साथ हमेशा लगे रहे और पार्टी में क्षेत्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण ओहदे को संभालते रहे.
सबसे बड़ी बात कि अब तक बीजेपी के सभी क्षेत्रीय अध्यक्ष कहीं न कहीं सेट हो चुके हैं. कई सालों से प्रयास कर रहे उपेंद्र दत्त शुक्ला को पार्टी हाईकमान और स्थानीय पदाधिकारियों की सहमति के बाद गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर दिया गया.
गोरक्षनाथ पीठ का रहा है दबदबा
1952 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजयनाथ 1967 निर्दलीय चुनाव जीता. उसके बाद 1970 में योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की. 1971 से 1989 के बीच एक बार भारतीय लोकदल तो कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा. लेकिन 1989 के बाद से सीट पर गोरक्षपीठ का कब्ज़ा रहा. महंत अवैद्यनाथ 1998 तक सांसद रहे. उनके बाद 1998 से लगातार पांच बार योगी आदित्यनाथ का कब्ज़ा रहा.
11 मार्च को होंगे उपचुनाव, नतीजे 14 को
गोरखपुर और फूलपुर लोक सभा सीट के लिए मतदान 11 मार्च को होगा. चुनावों के परिणाम की घोषणा 14 मार्च को होगी. गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.