गोरखपुरः वैश्विक महामारी कोरोना के बीच हुए लॉकडाउन की वजह से अधिकतर लोगों को अवसाद, खिन्‍नता और अशांति की समस्‍या से जूझना पड़ रहा है. संकट की ऐसी घड़ी में भी देश के कुछ जागरुक लोग ऑनलाइन संसाधनों के माध्‍यम से दुनिया को एक-दूसरे के साथ जोड़कर भारतीय संस्‍कृति और सभ्‍यता के साथ लुप्‍त होती सांस्‍कृतिक विधाओं को जीवंत रखने में जुटे हुए हैं. गोरखपुर के वरिष्‍ठ रंगकर्मी मानवेंद्र त्रिपाठी ने यूपी सरकार की ओर से संचालित होने वाले तुलसी अयोध्‍या शोध संस्‍थान की ओर से ऑनलाइन रामलीला वर्कशॉप का आयोजन किया है. इस रामलीला में 25 कलाकारों के माध्‍यम से अब 9 देशों के 300 से अधिक प्रशिक्षार्थी जुड़कर प्रशिक्षण ले रहे हैं.


तुलसी अयोध्या शोध संस्थान और मानवेंद्र त्रिपाठी की पहल


यूपी सरकार की ओर से संचालित होने वाले तुलसी अयोध्‍या शोध संस्‍थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह के निर्देशन में गोरखपुर के वरिष्‍ठ रंगकर्मी मानवेन्‍द्र त्रिपाठी ने इसकी पहल की है. गोरखपुर के रहने वाले मानवेन्‍द्र के निर्देशन में ऑनलाइन रामलीला ट्रेनिंग वर्कशॉप वेबिनार शुरू किया गया है.


तुलसी अयोध्‍या शोध संस्‍थान की ओर से संचालित हो रहे इस आयोजन में भाग लेने वाले प्रशिक्षुओं को संस्‍थान की ओर से ऑनलाइन रामलीला मास्‍टर आर्टिस्‍ट ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा.


9 देशों के 300 प्रतिभागी शामिल


खास बात ये है कि अब तक इससे 9 देशों के 300 से अधिक विदेशी प्रशिक्षार्थी जुड़कर प्रशिक्षण ले रहे हैं. ये दुनिया की पहली ऐसी ऑनलाइन रामलीला है, जिसके माध्‍यम से भारतीय संस्‍कृति की इस विधा को दुनिया के अन्‍य देशों में भी पहुंचाया जा रहा है.


तुलसी अयोध्‍या शोध संस्‍थान के डायरेक्‍टर डा. वाईपी सिंह और इस कार्यक्रम संयोजक रंगकर्मी मानवेन्‍द्र त्रिपाठी ने बताया कि 21 जून से 12 जुलाई तक हर रविवार को शाम 7:30 बजे से 10:30 बजे तक इस वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है. त्रिपाठी बताते हैं कि इसमें कुछ भी अलग नहीं है. इसमें बाकायदा कलाकारों को मेकअप और कॉस्‍ट्यूम के साथ राम, सीता, लक्ष्‍मण, रावण सहित अन्‍य किरदारों के गेटअप में तैयार किया जाता है. उसके बाद रामलीला का मंचन होता है.


इस बीच अलग-अलग देशों में मौजूद अनुवादक रामलीला में राम, सीता, लक्ष्‍मण और रावण के साथ अन्‍य चरित्रों के बारे में भी प्रशिक्षुओं को विस्‍तार से बताते हैं. इसमें हिन्‍दी और उसके बाद अंग्रेजी भाषा में अभिनय के साथ, वेशभूषा, संवाद, मेकअप के साथ रामायण ड्रेस डिजाइनिंग सिखाई जा रही है.


हर दृश्य की होती है ऑनलाइन रिकॉर्डिंग


मानवेन्‍द्र बताते हैं कि जिस दृश्‍य का प्रशिक्षण देना होता है, उसका पूरी वेशभूषा और मेकअप में मंचन कर रिकॉर्डिंग कर ली जाती है. प्रशिक्षण के दौरान रिकॉर्डिंग का लिंक ऑनलाइन शेयर कर पहले इसे प्रशिक्षार्थियों को दिखाया जाता है. जब प्रशिक्षार्थी इसे देख लेते हैं, तो संवाद, भाव-भंगिमा और वेशभूषा के साथ मेकअप के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है.


खास बात ये है कि ऑनलाइन रामलीला का प्रशिक्षण सिर्फ विदेशियों के लिए ही है. इसमें गुयाना के 86, मॉरीशस के 70, सूरीनाम के 45, त्रिनिदाद के 42, वेनेजुएला के 25, इजरायल के 18 और श्रीलंका के 14 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.



गोरखपुर में चल रही रामलीला की ऑनलाइन वर्कशॉप

रामायण और राम के व्यक्तित्व से परिचय करा कर उन सभी प्रशिक्षुओं के अंदर नवजीवन ऊर्जा प्रदान करने का प्रयास भी किया जा रहा है. रामायण और रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें समस्त विश्व एवं प्राणी मात्र के कल्याण की कामना की गई है. इस ग्रंथ को किसी एक धर्म और मजहब में नहीं बांधा जा सकता है.


राम जैसे पुत्र, भरत-लक्ष्मण जैसे भाई, सीता जैसी पुत्रवधू, कौशल्या जैसी मां और हनुमान जैसे भक्त की कामना हर कोई करता होगा. चाहे वह किसी भी धर्म मजहब से क्यों न जुड़ा हो. लेकिन, वह इन आदर्श चरित्रों की अनदेखी कभी नहीं कर सकता है. रामायण मनुष्यता के सारे आदर्शों के साथ-साथ संबंधों के प्रति निश्चल प्रेम व समाज परिवार को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है.


12 जुलाई तक चलेगी वर्कशॉप


अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक वाईपी सिंह ने बताया कि विश्व में पहली बार रामलीला के प्रशिक्षण का कार्यक्रम इतने व्यापक रूप में गोरखपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक मानवेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में किया जा रहा है. मानवेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इसमें रामलीला के समस्त आयामों, जैसे भरतमुनि के सिद्धांत के अनुसार अभिनय, निर्देशन, गायन, नृत्य, रूप सज्जा और वस्त्र विन्यास का प्रशिक्षण 21 जून से प्रत्येक रविवार को शाम 7:30 बजे से 10:30 बजे तक दिया जा रहा है. यह ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम 12 जुलाई तक चलेगा. इस वर्कशॉप में मोना मेहंदी (Moderator & Technical Coordinator) और वाई. शंकर मूर्ति ने मेंटॉर की भूमिका निभाई है.


कलाकारों की भूमिका में संजय मिश्रा, अरुण सिंह, शिव कुमार मिश्रा, नवनीत कुमार, मनीष श्रीवास्‍तव, देवेन्‍द्र कुशवाहा, धानी गुप्‍ता, रिनी सिंह, अंकिता, आकांक्षा, पूर्णिमा, गायक रामदरश शर्मा, मेकअप मैन राधेश्‍याम, तकनीकी टीम में अनुवाद की जिम्‍मेदारी जगनमोहन सिंह, कीर्ति निगम, योगी राज, ऑइंद्रिला घोषाल, शंभू, बृजेश और संदीप मुख्‍य भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. सहायक के रूप में चांद, दीपक, कन्हैया, रामायण और खुशी सहयोग कर रहे हैं.


यह प्रशिक्षण अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. इसमें रामायण सेंटर मॉरीशस और एनसीआईसी त्रिनिडाड का भी सहयोग प्राप्त है. प्रशिक्षण का समन्वय पंडित डॉ. इंद्राणी राम प्रसाद त्रिनिडाड कर रही हैं.


इस रामलीला का निर्देशन करने वाले मानवेन्‍द्र त्रिपाठी गोरखपुर के पुराना गोरखपुर के रहने वाले हैं. साल 2018 में सीएम योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर वे यूपी सरकार की ओर से दक्षिण अमेरिका के विभिन्‍न देशों में लाइव रामलीला करने गए. 18 कलाकारों की टीम के साथ 22 दिन में उन्‍होंने 15 रामलीला के लाइव शोज कर कीर्तिमान स्‍थापित किया. http://meet.google.com/izv-kxhs-zgp इस लिंक के माध्‍यम से इस ऑनलाइन रामलीला से जुड़ा जा सकता है.


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