नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घातक मोमो चैलेंज को लेकर एक परामर्श जारी किया है. मंत्रालय ने माता-पिता तथा अभिभावकों को बच्चों को इस खेल से दूर रखने को कहा है. इस चैलेंज के तहत खिलाड़ियों को हिंसक गतिविधियों के लिए बहकाया जाता है और अंतत: आत्महत्या की चुनौती दी जाती है.


मंत्रालय ने परामर्श में कहा है ‘‘मोमो चैलेंज में अलग- अलग तरह की हिंसक चुनौतियां शामिल हैं जिसमें खेल जैसे- जैसे आगे बढ़ता जाता है वैसे- वैसे उसके चैलेंज का स्तर भी बढ़ता जाता है इसके साथ ही खेल और अधिक खतरनाक होता जाता हैं फिर अंत में आत्महत्या के उकसावे के साथ खत्म होता है.’’ यह चुनौती व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए फैलती जा रही है. जो यूजर्स को बहुत खतरनाक रास्ते पर ले जा रहा है.


परामर्श में वैसे लोग जो समाज से कटे रहने, खराब मानसिक स्थिति वाले, अचानक गुस्सा होने वाले लोगों और रोजमर्रा की गतिविधियों में कम दिलचस्पी रखने वाले लोगों समेत बच्चों की एबनॉर्मल एक्टिविटीज और उनके लक्षणों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. इसमें अभिभावकों को बच्चे के शरीर के किसी हिस्से में गहरे कटे हुए या घाव आदि जैसे दिखने वाले निशानों को खतरे की चेतावनी के तौर पर लेने के लिए कहा गया है.


सलाह में बच्चों को इस खेल से दूर रखने के कई उपाय बताए गए हैं. इनमें तनाव की पहचान करने के लिए बच्चों और माता- पिता के बीच के कम्यूनिकेशन गैप को भरना भी शामिल है. इसमें माता- पिता को बच्चों की ऑनलाइन और सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है ताकि ये तय किया जा सके कि बच्चे इस खेल में शामिल नहीं हो रहे हैं.