केंद्र सरकार ने रविवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिये अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की. इससे घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि मनरेगा के लिये पहले ही बजट में 61,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. अब इस आवंटन को उससे ऊपर 40,000 करोड़ रुपये बढ़ाया जा रहा है.

इसके अलावा, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च में वृद्धि की जायेगी. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश बढ़ाया जायेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस का एक कार्यक्रम जल्द ही शुरू किया जायेगा.

इसके अलावा, पहली से लेकर बारहवीं तक हर कक्षा के लिये अलग-अलग टीवी चैनल शुरू किये जायेंगे. शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों को 30 मई, 2020 तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति होगी.

पांचवी किस्त में ये अहम ऐलान भी शामिल

इतना ही नहीं, सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के कारण कर्ज की किस्तें चुकाने में अपने को असमर्थ पा रही कंपनियों को दिवालिया कानून के तहत बचाने का भी फैसला किया है. अपनी घोषणा में वित्त मंत्री ने कहा कि अगले एक साल तक ऐसी किसी भी कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई नहीं की जाएगी.

इनके अलावा नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2 करोड़ 81 लाख लाभार्थियों को 2,807 करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है. इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था.

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