नई दिल्ली: सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कई कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी दी है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी.
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि इन कंपनियों में सीमेन्स हेल्थकेयर, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज, निप्रो इंडिया कॉरपोरेशन और विप्रो जीई हेल्थकेयर शामिल हैं. इन कंपनियों का संयंत्र लगाने में कुल निवेश 729.63 करोड़ रुपये अनुमानित है. जबकि करीब 2,304 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
बयान के मुताबिक, 'वाणिज्यिक उत्पादन एक अप्रैल 2022 से शुरू होने का अनुमान है जबकि सरकार द्वारा उत्पादन आधारित प्रोत्साहन का वितरण पांच साल की अवधि के दौरान अधिकतम 121 करोड़ रुपये प्रति आवेदनकर्ता होगा.'
मंत्रालय के मुताबिक इन संयंत्रों की स्थापना से देश चिकित्सा उपकरण के खंड में काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकेगा. आवेदनकर्ताओं को चार अलग-अलग खंडों कैंसर केयर/रेडियोथैरेपी चिकित्सा उपकरण, रेडियोलॉजी और इमेजिंग और न्यूक्लीयर इमेजिंग उपकरण, एनेस्थेटिक और कार्डियो-रेसपिरेटरी चिकित्सा उपकरणों के तहत आमंत्रित किया गया है.
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