केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और  केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) चीफ के कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल तक कर दिया है. इसका मतलब है कि अब ED और CBI के निदेशक के पद पर कोई अधिकारी 5 वर्षों तक अपनी सेवाएं दे सकेगा. केंद्र ने एक अध्यादेश के ज़रिए दोनों एजेंसियों के मुखिया के कार्यकाल की सीमा को बढ़ाया है. 


बता दें कि वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय मिश्रा हैं. उनका कार्यकाल इसी हफ्ते समाप्त हो रहा था. लेकिन अब अध्यादेश के बाद सरकार अगर चाहे तो उनके कार्यकाल को दो साल तक और बढ़ा सकती है. हालांकि अभी संजय मिश्रा को लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. इस समय दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल दो वर्ष का है.


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है, क्योंकि संसद का सत्र अभी नहीं चल रहा है. वह इस तथ्य से संतुष्ट हैं कि ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं, जिनमें तत्काल कार्रवाई बहुत जरूरी है. सीवीसी (संशोधन) अध्यादेश और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम अध्यादेश संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र से पहले सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल के विस्तार की अनुमति देने के लिए जारी किए गए हैं.


केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2021 में कहा गया है, "जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशक सार्वजनिक हित में अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करता है, खंड (ए) के तहत समिति की सिफारिश पर और लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के आधार पर कार्यकाल एक नियत समय के लिए बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते कि प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि सहित कुल मिलाकर पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा.


दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अध्यादेश, 2021 में सीबीआई निदेशक के संबंध में समान प्रावधान हैं और यह तुरंत लागू होता है.


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