नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार बढोत्तरी हो रही है, लेकिन इस बीच सरकार ने संकेत दिए हैं कि संक्रमण के विकास दर में पिछले 15 दिनों में थोड़ी कमी आई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रोज़ाना होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 15 मार्च से 31 मार्च के बीच जहां देश में संक्रमण में 2.1 की दर से औसत विकास हुआ, वहीं 1 अप्रैल से अबतक ये दर 1.2 दर्ज़ की गई है. अग्रवाल के मुताबिक़ इस दौरान विकास दर में 40 फ़ीसदी की कमी देखने को मिली. अग्रवाल ने इस कमी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये तब हो रहा है जब देश में कोरोना की जांच में लगातार तेज़ी आ रही है. गुरुवार को देशभर में 28 हज़ार से ज़्यादा टेस्ट किए गए.


केस दोगुना होने की गति भी हुई धीमी
एक और राहत देने वाला आंकड़ा देते हुए अग्रवाल ने कहा कि अप्रैल की शुरुआत में जहां संक्रमण के मामले महज 3 दिनों में दोगुने हो रहे थे, वहीं पिछले एक हफ़्ते में ये रफ़्तार 6.2 दिन हो गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में देश के 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर हैं. इन राज्यों में केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पुड्डुचेरी, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू कश्मीर, असम और त्रिपुरा शामिल हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि ये बताता है कि हम किस प्रकार से ज़मीनी स्तर पर संक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.


अगर ठीक हुए मरीज़ों और कुल मौतों की संख्या जोड़ कर अनुपात निकाला जाए तो जहां 80 फ़ीसदी मामलों में मरीज़ ठीक हो गए जबकि 20 फ़ीसदी मामलों में मरीज़ की मौत हो गई. वहीं पीपीई और बाक़ी मेडिकल उपकरणों के निर्माण में भी रोज़ाना तेज़ी आती जा रही है. सूत्रों के मुताबिक़ अब तक सरकार ने देश के 50 यूनिट को पीपीई निर्माण की मंज़ूरी दे दी है. सरकार के सूत्रों का आकलन है कि पीपीई और मास्क के निर्माण की गति को देखते हुए अगले 15 दिनों में देश में इन दोनों वस्तुओं की उपलब्धता पर्याप्त हो जाएगी.


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