जुलाई में मॉनसून सत्र को आयोजित करने पर विचार कर रही सरकार, अगस्त तक हो सकता है स्थगित
देशभर में कम हो रही संक्रमण की रफ्तार के बीच सरकार मानसून सत्र को कराए जाने की संभावना तलाश रही है. संविधान के अनुसार दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का समय होना चाहिए वहीं सरकार के पास अभी 24 सिंतबर तक का समय बचा हुआ है.
नई दिल्लीः देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी रफ्तार के कम होने के साथ ही सरकार और संसद के अधिकारी जुलाई में संसद के मानसून सत्र को संवभावनाएं तलाश रहे हैं. इसी के साथ ही यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून सत्र को कम समय के साथ ही अगस्त-सितंबर में आयोजित किया जा सकता है. फिलहाल यह पूरी तरह से देशभर में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करता है.
मानसून सत्र के लिए सरकार के पास सितंबर तक का समय
मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई में आयोजित किया जाता है. वहीं पिछले तीन संसद सत्रों को कोरोना संक्रमण के कारण छोटा करना पड़ा है और दोनों सदनों में शीतकालीन सत्र को पूरी तरह से छोड़ दिया गया था. एक अधिकारी का कहना है कि 'संविधान के अनुसार एक सत्र के खत्म होने के छह महीने के अंदर ही दूसरे सत्र को शुरू हो जाना चाहिए. ऐसे में सरकार के पास मानसून सत्र बुलाने के लिए 24 सितंबर तक का समय है.'
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी ने अनौपचारिक रूप से एक छोटा सत्र आयोजित करने की संभावना पर चर्चा की है. उनका कहना है कि जुलाई के पहले सप्ताह में संसद का मानसून सत्र आयोजित किया जा सकता है. नेता का कहना है कि कोरोना संक्रमण की संख्या अब कम होने लगी है इसलिए हमें कुछ समय इंतजार करना होगा और संक्रमण के थमने का इंतजार करना होगा.
दो टुकड़ों में हो सकता है मानसून सत्र
उनका कहना है कि सितंबर में तीसरी लहर की उम्मीद की जा रही है, ऐसे में जुलाई में सत्र आयोजित किया जा सकता है. जिससे संसद कम से कम एक सप्ताह के लिए बैठक करेगी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि सरकार आगामी सत्र में डेटा संरक्षण बिल को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक है.
वहीं बीजू जनता दल (बीजद) के एक सांसद से यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी ने सत्र में भाग लेने के बारे में कोई आंतरिक चर्चा की है, तो सांसद ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा है कि सरकार की ओऱ से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक सुचना नहीं दी गई है. वहीं कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती है तो जुलाई-अगस्त में 15 दिन का एक छोटा सा सत्र आयोजित हो सकता है और फिर नवंबर में एक और छोटा सत्र हो सकता है.
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