(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Over Speed Case: 71 फीसदी सड़क हादसों में ओवर स्पीडिंग बनी मौत की वजह, सरकार ने जारी किए आंकड़े
Road Accidents In India: सड़क हादसों में लोगों की मौत को लेकर सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं जो बेहद चौंकाने वाले हैं. इसमें ज्यादातर मौतें स्पीड लिमिट क्रॉस करने के बाद हुईं.
Over Speeding Case: भारत में रोड एक्सीडेंट में हुई मौत एक चिंता का विषय हैं. सड़क हादसों की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाती है. इनमें ज्यादातर मौतें ओवर स्पीड ड्राइविंग की वजह से होती है. साल 2022 में रोड एक्सीडेंट में होने वाली हर 10 मौतों में से 7 की वजह तेज रफ्तार थी. इस साल सड़क दुर्घटनाओं में रिकॉर्ड 1,68,491 मौत हुईं और 4 लाख लोग घायल हुए जिसमें 2 लाख के करीब लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
इसके अलावा यातायात नियमों को ताक पर रखकर रॉन्ग साइड ड्राइविंग मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह बनी है. साथ ही 67 हजार ऐसे लोगों ने अपनी जान गंवाई जिन्होंने निर्धारित सुरक्षा उपकरण सीट बेल्ट और हेलमेट का इस्तेमाल नहीं किया था. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से मंगलवार (31 अक्टूबर) को ये आकंड़े जारी किए गए हैं.
हेलमेट और सीट बेल्ट न इस्तेमाल करना मौत की वजह
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, हेलमेट न पहनने की वजह से 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि इससे दोगुने लोग घायल हुए हैं. इसमें 35,692 लोगों की मौत बाइक चलाते समय और 14,337 लोग बाइक पर पीछे बैठने के दौरान हुई. इसी तरह 16,715 लोगों की मौत सीट बेल्ट न पहनने की वजह से हुई और 42,300 लोग ऐसे मामलों में घायल हुए.
2018 से 2022 में बढ़ गया आंकड़ा
आकंड़ों में बताया गया है कि साल 2022 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लाखों सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें ज्यादातर मामलों में लोगों की जान गई और लोग घायल भी हुए. यानी साल 2021 से ज्यादा हादसे 2022 में हुए. पिछले पांच सालों में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि सड़क पर होने वाली मौतों के मुख्य कारण के रूप में तेज़ गति की हिस्सेदारी 2018 में 64 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 71 प्रतिशत हो गई है.
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